दिखने में तो पुरुष महिलाओं से ज्यादा शक्तिशाली होते हैं. लेकिन यह बात भी एक हकीकत है कि पुरुष संबंध टूटने पर सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. ग्रलफ्रेंड से ब्रेक-अप हो या विवाह के दौरान कोई परेशानी पुरुषों को सबसे ज्यादा आघात पहुंचता है.
यूएस की वेक फॉरेस्ट युनीवर्सिटी के मुताबिक पुरुषों का दिल टूटने पर उन्हें मानसिक असंतुलन की स्थिति से गुजरना पड़ता है. एक ऐसा संबंध जिसमें सेक्स की चाह ज्यादा हो उसके मुकाबले सच्चे रिश्ते जब टूटते हैं पुरुष अक्सर अंदर तक हिल जाते हैं.
वैसे तो सब जानते हैं कि लड़कियां ज्यादा संवेदनशील होती हैं. वह भावनाओं को आसानी से समझ सकती हैं. लेडीज़ के आंसू भी जल्दी निकलते हैं. पुरुषों के बारे में आम धारणा यह है कि वह कठोर होते हैं और विपरीत हालात में भी उन्हें आसानी से रोते नहीं देखा जा सकता. लेकिन ज्यादातर पुरुषों को भी सच्चे प्यार की तलाश होती है. वह सिर्फ सेक्स या मजे के लिए प्यार नहीं करते, और ऐसे में जब उन्हें प्यार में धोखा मिलता है तो उनकी आंखों से भी आंसू निकलते हैं.
दरअसल आज के माहौल में लडकों से अधिक लड़कियां सेक्स के प्रति ज्यादा अग्रसर दिखती हैं. उनके लिए दो से तीन बॉयफ्रेंड रखना फैशन बन गया है. यह बात आम जिन्दगी में भी देखी जा सकती है. कॅरियर, फैशन और मजे के लिए अब लड़कियां भी भोगी बनती जा रही हैं. महिलाओं का ऐसा बर्ताव कई बार सच्चे आशिकों के लिए दर्द बन जाता हैं.
पर क्या सिर्फ दोषी लडकियां हैं, जी नहीं, उन्हें ऐसा करने का मौका भी तो लडकों ने ही दिया है न. लड़के पहले एक से अधिक गर्लफ्रेंड रखना पसंद करते थे अब जब लड़कियों ने लड़कों की सभी आदतें अपना ली हैं तो इस आदत को भला क्यों छोड़ दें.
प्यार पवित्र होता है लेकिन अगर इसमें स्वार्थ हो तो यह भद्दा और घिनौना हो जाता है. आज सेक्स को प्यार का पर्याय माना जाता है. हां यह बात साफ रखनी चाहिए कि सेक्स से प्रेम कम नहीं होता. कई बार सेक्स प्यार की जरुरत बन जाता है, ऐसे समय में संबंध बनाने में कोई दिक्कत नहीं लेकिन शारीरिक संबंध बनाने के बाद साथी के साथ धोखा गलत होता है. संबंधों का दूसरा और अहम सहारा होता है विश्वास तो अगर आप चाहते हैं कि आपका रिश्ता लंबा रहे तो अपने साथी पर विश्वास करें .
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