प्यार और दर्द दो ऐसे पहलू हैं जो एक साथ रहते हैं क्योंकि जहां प्यार वहां तकरार और जहां तकरार वहां झगड़ा और दर्द. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आप किसी के प्यार में तीव्र और आवेशपूर्ण भावनाओं और दर्द को अनुभव करते हैं तो ऐसी स्थिति में शायद एक डॉक्टर या दवाई आपके दर्द को कम नहीं कर सकती क्योंकि प्यार तो वह पानी की धारा है जो स्वयं अमृत समान है और अमृत को दवाई की क्या ज़रूरत. तो फिर ऐसी परिस्थिति में क्या करें? घबराएं नहीं क्योंकि प्यार में उत्पन्न दर्द को स्वयं प्यार ही ठीक कर सकता है.
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन ने भी यह साबित कर दिया है कि प्यार आश्चर्यजनक तरीके से दर्द से उस तरह राहत प्रदान कर सकता है जिस तरह से दर्दनिवारक या अवैध दवाएं जैसे कोकीन आदि प्रदान कर सकती हैं.
दर्द प्रबंधन के प्रमुख और संज्ञाहरण के एसोसिएट प्रोफेसर शीन मैके का कहना है कि लोग जब प्यार के आवेश में होते हैं तो उनके मूड में महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं जो उनके दर्द के अनुभवों को भी प्रभावित करता है. यह अनुभव बहुत गहरे होते हैं जिससे हमारे मस्तिष्क की न्यूरोट्रांसमीटर प्रणाली प्रभावित होती है और यह वही प्रणाली है जो हमारे भाव, पुरस्कार और प्रेरणा को नियन्त्रित करती है.
प्यार के क्षेत्र
जब आप अपने प्रेमी के बारे में सोचते हैं तो आपके दिमाग में तीव्र सक्रियण होता है और यह वही क्षेत्र होते हैं जो अवैध दवाओं के सेवन से या एक साथ बहुत पैसा जीतने से जाग्रत होते हैं.
प्यार के बारे में प्रोफेसर शीन मैके ने यह भी कहा कि आवेशपूर्ण प्यार को हम इस तरह से वर्णित कर सकते हैं “”यह कुछ मायनों में एक लत की तरह लगता है, जिससे हमारी मस्तिष्क प्रणालियां प्रभावित होती हैं और यह वही प्रणालियां होती हैं जो डोपामाइन को संतुलित करती हैं और डोपामाइन हमारे खुश रहने के भाव को संतुलित करता है. अतः हम कह सकते हैं कि प्यार से भी दर्द का इलाज हो सकता है.”
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