लैला–मजनू, हीर–राँझा प्यार की वह दास्तां बयां करते हैं जब प्रेमी प्यार को पूजते थे. प्यार में पागल प्रेमी एक दूसरे को पाने के लिए बेताब थे और जीवन क्या मृत्यु के बाद भी वह एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते थे.
अब जमाना बदल गया है. आजकल लोग प्यार में पागल नहीं होते. हम कह सकते हैं कि ज़माने के साथ-साथ प्यार करने के तरीके में बदलाव आया है. इसे हम कायापलट कहें या लोगों की मानसिकता का नया स्वरुप, बात तो इतनी है कि प्यार करने का ढंग बदल गया है
चूंकि प्यार की इबारत बार–बार लिखी जाती है तो आइए नज़र डालते हैं प्यार के नए स्वरुप पर.
• अपने साथी से अनुचित मांग न करें. एक दूसरे को समझना प्यार की सबसे बड़ी कुंजी होती है.
• कभी भी प्यार के रूल्स न ब्रेक करें क्योंकि प्यार का स्थायित्व भरोसा है.
• अगर प्यार में कोई अनबन हो तो उसे एक साथ सुलझाएं और कभी भी ऐसा लगे कि देर हो गयी है तो एक-दूसरे का साथ छोड़ने में देरी नहीं करनी चाहिए.
• प्यार में समझौता नहीं होता है.
• कभी भी अपने सबसे अच्छे दोस्त से इस बात पर प्यार ना करने लगें कि वह आपके सुख-दुःख के समय आपके साथ था. क्योंकि खुदा ना करे कि अगर आप दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आई तो उस समय आप उससे आंख नहीं मिला सकते हैं.
• हमेशा अपने दिल की सुनें, क्योंकि दिल हमेशा सच्ची बात करता है.
• अत्यधिक सावधानी और धैर्य रिश्तों में मजबूती लाता है.
• एक दूसरे को समझने के लिए अधिक से अधिक समय लें, क्योंकि समय रिश्तों में मजबूती लाता है.
• और अंत में उसी से प्यार करें जो आपके अहंकार को झेल सके.
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