अगर आप यह सोचते हैं कि अपनी उपलब्धियों (Achievements) पर गर्व करना एक सभ्य व्यक्ति की पहचान नहीं है, और कहीं न कहीं आपकी यह खूबी आपको दूसरों की नजरों में घमंडी (Proud) साबित कर सकती है, जिससे आपकी लोकप्रियता (Popularity) कम हो सकती है, तो आपकी इस अवधारणा को हाल ही में हुए एक शोध (Research) ने गलत साबित कर दिया है.
एक सर्वेक्षण (Study) द्वारा यह बात प्रमाणित (Prove) हो चुकी है कि बदलते समय के साथ-साथ अपने जीवन-साथी (Life- partner) के चुनाव में भी महिलाओं और पुरुषों की प्रथमिकताओं (Priorities) में अंतर आया है. जहां पहले महिलाएं अच्छे दिखने वाले (Handsome) पुरुषों को अधिक तरजीह देती थीं, वहीं आज उन्हें वे पुरुष अधिक आकृष्ट (Attract) करते हैं जो खुद पर और अपनी उपलब्धियों (Achievements) पर गर्व करते हैं. और पहली नज़र में ही वे महिलाओं को भा जाते हैं और महिलाएं उनमें अन्य पुरुषों की तुलना (Comparison) में अधिक दिलचस्पी (Interest) लेने लगती हैं. इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि महिलाएं शायद यह बात समझती हैं कि अपने ऊपर गर्व वहीं करता है जिसने अपनी जिंदगी में कुछ हासिल किया होता है.
केवल महिलाएं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी अपनी प्राथमिकताएं (Priorities) बदल चुके हैं, जहां पहले पुरुषों को सीधी-सादी महिलाएं ही भाती थीं, वहीं आज उन्हें हंसमुख और खुशमिजाज महिलाएं अधिक आकर्षक (Attractive) लगती हैं, बनिस्पत उनके जो महिलाएं गंभीर (Serious) रहती हैं या ज्यादा बात नहीं करतीं.
इस सर्वेक्षण (Research) के बाद यह स्पष्ट हो ही जाता है कि अब वैयक्तिक (Individual) प्रमुखताओं को आंकने के मानक (Parameters) बदल चुके हैं, लेकिन यह बात भी नकारी नहीं जा सकती कि आपकी मूलभूत विशेषताएं (Basic Qualities) ही आपकी वास्तविक पूंजी (Real Asset) हैं, जिसके आधार पर आप समाज में अपनी अलग पहचान (Identity) बना सकते हैं.
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