जबसे विशाल की नई नौकरी लगी है, वह पहले से ज्यादा व्यस्त रहने लगा है. परिणामस्वरूप वह अपनी पत्नी की ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे पाता है. छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाना जैसे उसकी आदत ही बन गई है. पत्नी के प्रति विशाल का ऐसा उपेक्षित और रुष्ट व्यवहार उनके वैवाहिक जीवन में उलझने पैदा करता जा रहा है. वह ना चाहते हुए भी उसे दुखी रखने लगा है. वह ना तो अपनी पत्नी की अपेक्षाओं की ओर ध्यान दे पा रहा है और ना ही उन्हें पूरा कर पा रहा है. ऐसा भी नहीं है कि उसकी पत्नी उसकी विवशता नहीं समझती लेकिन सहनशीलता भी एक हद तक ही कारगर सिद्ध होती है. आए-दिन की नोक-झोंक जब बड़े कलह का रूप लेने लगे तो स्थिति स्वाभाविक तौर पर चिंतनीय बन जाती है.
प्रिया का निजी जीवन भी कुछ ऐसी ही परेशानियों से गुजर रहा है. उसके पति का प्रमोशन क्या हुआ, मानो प्रिया के प्रति उसकी जिम्मेदारियां ही कम हो गईं. नए-नए कामों में वह इतना उलझा रहता है कि अपना टूटता दांपत्य जीवन उसे दिखाई ही नहीं देता. व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता का नशा उस पर इतना हावी हो गया है कि अब उसने अपनी पत्नी की भावनाओं और प्रेम को महत्व देना ही समाप्त कर दिया है. आए दिन जॉब से संबंधित नई परेशानी उन दोनों के वैवाहिक जीवन में तनाव पैदा करने का काम कर रही है.
ऐसा कौन सा शख्स होगा जो अपने साथी को खुश नहीं देखना चाहता. लेकिन कभी-कभार हालातों के वशीभूत होकर या फिर अपनी किसी मजबूरी की वजह से हम अपने वैवाहिक जीवन की ओर ध्यान नहीं दे पाते और बढ़ती समस्याओं को यह सोचकर उपेक्षित ही रहने देते हैं कि दूसरा व्यक्ति आपकी मजबूरी समझेगा. ऐसे में एक बात को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि आपका साथी भी आपसे कुछ अपेक्षाएं रखता है और चाहता है कि आप उसे भी पर्याप्त समय दें. भले ही वह आपसे अपनी नाराजगी ना व्यक्त करे लेकिन आप अपने साथी की खुशियों के प्रति उत्तरदायी ना होकर जाने-अनजाने उसकी भावनाओं को आहत कर रहे हैं.
आपके वैवाहिक जीवन को नीरज और प्रिया जैसी परिस्थितियों का सामना ना करना पड़े, इसके लिए जरूरी है कि काम के साथ-साथ आप अपने जीवनसाथी को भी अपेक्षित महत्व दें. अगर वह किसी कारण वश आपसे रूठ गया है तो ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने जीवनसाथी की नाराजगी को दूर करने की पूरी कोशिश करें. जिसमें निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण टिप्स आपकी पूरी सहायता करेंगे.
हमने कई लोगों को कहते सुना है कि पति-पत्नी के बीच रूठने-मनाने के सिलसिला दांपत्य जीवन में खुशहाली और मजबूती बनाए रखता है. इसका अर्थ यह कतई नहीं हैं कि आप हर बार कोई ना कोई गलती करते रहें और अपने साथी के मनाने का इंतज़ार करें. यह ना भूलें संबंध को स्थिर और मधुर बनाने की जिम्मेवारी जितनी आपके साथी की है उतनी आपकी भी है. इसीलिए किसी भी मुद्दे को इतना ना बढ़ाए कि वह आपके वैवाहिक जीवन में समस्या पैदा कर दे.
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