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दीपावली को बनाएं खास लेकिन सावधानी से

diwali festivelभारत त्यौहारों का देश है. यहां अनेक धर्मों के लोग निवास करते हैं और पूरे हर्षोल्लास से अपने त्यौहार मनाते हैं. वर्तमान समय में त्यौहारों का महत्व और अधिक इसीलिए बढ़ गया है क्योंकि काम की व्यस्तता के चलते अपने निजी संबंधों के लिए समय निकालना बेहद कठिन हो जाता है. इसीलिए त्यौहारों के माध्यम से लोग एक-दूसरे से मिलकर अपनी भावनाओं और प्रेम का आदान-प्रदान करते हैं.


कुछ ही दिनों में दीपावली का पर्व आने वाला है. दिवाली हिंदुओं का पवित्र त्यौहार है जिसे भगवान राम के अयोध्या आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस दिन की शुरूआत घर के बड़ों के आशीर्वाद से की जाती है और दिन ढलने के पश्चात नए-नए परिधान पहनकर सपरिवार धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है तथा फिर एक-दूसरे को मिठाइयां बांटी जाती हैं. इसके अलावा दिवाली के दिन पटाखे छुड़ाने का भी रिवाज है. घर में लक्ष्मी जी के आगमन की कामना से परंपरागत तौर पर घर दियों और मोमबत्तियों की रोशनी से जगमगाया जाता है. लेकिन हम इस बात को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते कि दीपावली के त्यौहार के बहाने फिजूलखर्ची भी अत्याधिक बढ़ जाती है. प्राय: देखा जाता है कि परिवार अपने बच्चों की खुशी के लिए पटाखों की खरीददारी पर फिजूल का धन व्यय कर देते हैं. जो वायु प्रदूषण को तो बढ़ाता ही है साथ ही उससे जलने और आग लगने का खतरा भी रहता है.


इसीलिए पैसों की उपयोगिता को समझते हुए और दूसरों की सेहत का ख्याल रखते हुए ही दीपावली का त्यौहार मनाया जाए. दीपावली के लिए योजनाएं बनाते समय निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान अवश्य रखें:


  • दीपावली के दिन पटाखों का प्रयोग न्यूनतम किया जाना चाहिए. अगर आप पटाखे जलाना चाहते हैं तो केवल शगुन के तौर पर इनका उपयोग करें.
  • एक सीमित समय तक ही पटाखों को फोड़ें ताकि आपके द्वारा किसी और के जीवन में खलल ना पड़े. जितना हो सके धीमी आवाज वाले पटाखों को ही छुड़ाएं.
  • दीपावली से एक सप्ताह पहले ही बाजार में दीवाली के उपलक्ष्य में कई ऑफर आने शुरू हो जाते हैं. लेकिन यह ऑफर देखने में जितने आकर्षक लगते हैं उतने भ्रमित करने वाले होते हैं. इनके चक्कर में पड़ना आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है.
  • अपने बजट के अनुरूप ही दिवाली के लिए योजनाएं बनाएं. बजट से ज्यादा खर्चा करना नासमझी होगी.
  • दीपावली के आने के साथ ही घरों और दुकानों में रंग-रोगन का काम शुरू हो जाता है जिससे धूल-मिट्टी व कबाड़ के रूप में फिजूल निकाल दिया जाता है. लेकिन कुछ लोग जरूरत न होने पर भी हर साल अपना घर व दुकान रंगवाते हैं तथा व्यर्थ का डेकोरेशन का सामान अपने घर में जमा कर लेते हैं, जो नि:संदेह फिजूलखर्ची है.
  • घर पर बनी मिठाइयां ही खाएं. क्योंकि दीपावली का फयदा उठाकर नकली घी-तेल का सामान बाजार में बिकने लगता है.
  • कई परिवारों और मित्र समूह में इस दिन जुआ खेलने का भी रिवाज है. इसे मात्र शगुन के लिए ही खेलें. अन्यथा यह आपकी दिवाली के रंग में भंग डाल सकता है.

पटाखों से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियां

  • अच्छी और विश्वसनीय कंपनी के पटाखे ही खरीदें.
  • घर के बाहर या फिर किसी खुले मैदान में ही पटाखों को जलाएं.
  • दीपावली के दिन सूती और फिटिंग वाले वस्त्र पहनें क्योंकि सिंथेटिक्स और ढीले-ढाले कपड़े अपेक्षाकृत अधिक जल्दी आग पकड़ लेते हैं.
  • बच्चों को अकेले पटाखे न फोड़ने दें. अगर आपको पटाखे के धुएं से परेशानी होती है तो किसी बड़े को उनके साथ अवश्य भेजें.
  • अगर पटाखों के कारण आपका हाथ या शरीर का कोई हिस्सा जल गया है तो उसे 20 मिनट तक ठंडे पानी मे रखें और कोई राहत ना मिलने पर डाक्टरी सलाह लें.
  • अगर पटाखे के द्वारा कोई बाहरी कण आपकी आंखों में चला गया है तो बिना किसी देर के अपनी आंखों को ठंडे पानी से धो लें.
  • पटाखे जलाते समय सूखी मिट्टी और पानी की बाल्टी अपने पास रखें.
  • जिन लोगों को सांस की तकलीफ है उन्हें घर में रहकर ही दीपावली का आनंद उठाना चाहिए.
  • रॉकेट या अन्य पटाखों को जलाने के लिए कांच की बोतलों का प्रयोग ना करें.

इस दीपावली को यदि आप उन बच्चों व वृद्धजनों के साथ मनाएंगे, जोकि अनाथ व बेसहारा हैं तो नि:संदेह आपकी और उन लोगों की यह दिवाली यादगार बन जाएगी. दीपावली के दिन आप उन बुरी आदतों को भी त्याग सकते हैं जिन्हें आप अपने लिए और परिवार के लिए हानिकारक मानते हैं. इस दीपावली को यादगार बनाएं तथा परिवार व अपने आसपास के लोगों में खुशियां ही खुशियां बांटें.

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