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बच्चों को प्रभावित करती है मां की जीवनशैली

mother and teenager childकिशोरावस्था उम्र का एक ऐसा पड़ाव है जिसमें चरित्र का निर्माण तो होता है लेकिन भटकाव की संभावनाएं भी अपेक्षाकृत अधिक होती हैं. इसीलिए बच्चों की आदतें और उनका व्यवहार इसी बात पर निर्भर करता है कि वे कैसी संगति में अपना समय व्यतीत करते हैं. इसके अलावा उनके आस-पास का वातावरण भी उनके चरित्र को सही दिशा देने में बहुत हद तक सहायक होता है.


लेकिन इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि बच्चे को सुनहरा भविष्य देने में अभिभावकों की कोई भूमिका नहीं होती. अभिभावकों का यह दायित्व होता है कि वे अपने बच्चों को बुरी आदतों से दूर रखें और उचित उम्र में उन्हें सही गलत के बारे में जानकारी दें. यद्यपि बच्चे अपने पिता को ही अपना आदर्श मानते हैं और उनके जैसा बनना चाहते हैं. विशेषकर पुत्रों में यह प्रवृत्ति अधिक देखने को मिलती है. वे अपने पिता की तरह बात करते हैं और उनकी आदतों को जल्द से जल्द अपनाने की कोशिश करते हैं. लेकिन एक नए अध्ययन के अनुसार बच्चों में यौन रुझान बढ़ाना या उसे नियंत्रित रखना मां पर निर्भर करता है. इसमें पिता की भूमिका न्यूनतम होती है.


बास्क (स्पेन) स्थित एक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 15000 बच्चों के आचरण की स्टडी की जिसमें उन्होंने पाया कि शारीरिक संबंधों में बच्चों का कितना रुझान है, यह निश्चित तौर पर उनकी माता के स्वभाव और उसके व्वहार पर ही निर्भर करता है.


इस अध्ययन की मुख्य शोधकर्ता मैटी गैरागोरोदोबिल का कहना है कि महिलाएं, अपने बच्चों पर पिता से ज्यादा प्रभाव डालती हैं. ऐसे में अगर उनमें सही आयु से पहले यौन रुझान उत्पन्न होता है तो इसमें पूरी जिम्मेदारी उनकी मां की ही होती है.


विदेशी संस्थान द्वारा कराए गए इस शोध को अगर हम भारतीय पृष्ठभूमि में देखें तो भारतीय परिवारों में अधिकांश पुरुष ही बाहर कार्य करने जाते हैं. महिलाएं घर पर ही रहकर अपने परिवार की देखभाल करती हैं. ऐसे में स्वाभाविक तौर पर बच्चे अपनी माता से ज्यादा निकट और उनसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. महिलाएं जैसा व्यवहार करेंगी बच्चों पर उसका सीधा असर पडेगा. क्योंकि पिता के साथ बच्चे ज्यादा समय नहीं व्यतीत कर पाते, इसीलिए पिता को वे अपना आदर्श तो मानते हैं लेकिन उनकी आदतों और स्वभाव को पूरी तरह समझ नहीं पाते.


उपरोक्त विवेचन के आधार पर अगर हम इस विदेशी संस्थान के शोध को भारतीय पारिदृश्य में देखें तो इस बात को नकार नहीं सकते कि महिलाएं अपने बच्चों के जीवन पर गहरा असर छोड़ती हैं. उनकी जीवनशैली, यौन आकर्षण बच्चों को भी महत्वपूर्ण ढंग से प्रभावित करता है. इसीलिए बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उनका यह कर्तव्य बन जाता है कि वह अपने आचरण को स्वच्छ रखें और अपनी बुरी आदतों को बच्चों विशेषकर किशोरवय बच्चों के सामने ना उजागर करें.


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