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पुरुषों पर नहीं, कुत्तों पर ज्यादा विश्वास करती है महिलाएं

women loves dogsआमतौर पर यह माना जाता है कि कुत्ता एकमात्र ऐसा जानवर है जो हर परिस्थितियों में अपनी वफादारी निभाता है. इंसान भले ही दूसरे की अनमोल भावनाओं को आहत करने में जरा भी परहेज ना करते हों, लेकिन कुत्ता जिनके साथ रहता है या जो उसे प्यार करते हैं, वह हमेशा उनके लगाव को महसूस करता है और जरूरत पड़ने पर अपनी कृतज्ञता का परिचय भी देता है.


एक नई स्टडी के अनुसार वे महिलाएं जिन्हें प्यार में धोखा मिला है या जो अपने जीवन में एक सच्चे प्रेमी के आने का इंतजार कर रही हैं, उन्हें काम के बीच जो भी समय मिलता है वह अपने कुत्ते के साथ बिताना पसंद करती हैं. सिंगल महिलाएं पालतू कुत्ता रखने में इसीलिए दिलचस्पी ले रही हैं क्योंकि वह चाहती हैं कि जब वे घर जाएं तो वह अकेला महसूस ना करें.


सिडनी पेटकेयर के मालिक रिचर्ड डुरंत का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में ज्यादातर युवा महिलाएं जो किसी रिलेशनशिप में नहीं हैं और अकेली रहती हैं, वह अपने घर में कुत्ते के रूप में पालतू और वफादार जानवर रखने के लिए उत्साहित रहती हैं. इतना ही नहीं ऐसी महिलाओं की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोत्तरी भी होती जा रही है जो अकेलेपन से छुटकारा पाना चाहती हैं, जिसके लिए वो कुत्ते को ही बेहतर विकल्प समझती हैं.


डेली में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार डुरंत ने माना है कि बीते साठ सालों में घर में कुत्ता रखने का प्रचन बहुत तेजी से विकसित हुआ है. विशेषकर उन महिलाओं के मामले में यह परिस्थितियां ज्यादा देखने को मिलती हैं जो कामकाजी हैं और अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण वह संबंधों के लिए समय नही निकाल पातीं.


ऑस्ट्रेलियन कम्पैनियन एनिमल काउंसिल की अध्यक्ष डॉ. केर्सती सेक्सेल मानती हैं कि अगर आप घर में अकेली रहती हैं तो पालतू कुत्ते के रूप में आपको एक विश्वसनीय साथी मिल सकता है. इससे आपको ना तो अकेलेपन की चिंता सताएगी और ना ही अपनी सुरक्षा की.


डॉग्स न्यू साउथ वेल्स के अध्यक्ष डॉ. पीटर हिगिंसम का कहना है कि कुत्तों में माल्टीज टेरियर्स नाम की नस्ल महिलाओं की पसंदीदा हैं. इस नस्ल के कुत्ते बहुत आकर्षक तो होते ही हैं इसके साथ ही कुछ-कुछ मानवीय हाव-भाव भी रखते हैं. यह बिलकुल एक छोटे बच्चे की तरह व्यवहार करते हैं.


मनोवैज्ञानिक तौर पर यह भी कहा जा सकता है कि महिलाएं घर में अकेला नहीं रहना चाहतीं इसीलिए वह एक ऐसे साथी की तलाश करती हैं जो वफादार हो. इंसानों में वफादारी रखने की संभावना पर हमेशा प्रश्नचिंह लगा रहता है और परिणामस्वरूप महिलाएं कुत्तों पर भरोसा करने में खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं.


विदेशी महिलाओं की जीवनशैली को आधार बनाकर की गई इस स्टडी को अगर हम भारतीय परिदृश्य में देखें तो यहां भी संबंधों का टूटना बनना एक आम बात है. महिला हो या पुरुष दोनों ही अपने प्रेम संबंधों को लेकर आशवस्त नहीं रहते. प्राकृतिक तौर पर महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा भावुक समझा जाता है इसीलिए वह संबंध के टूटने पर खुद को सहज नहीं रख पातीं. इतना ही नहीं आज के दौर की महिलाएं आत्म निर्भर और हर लिहाज में स्वतंत्र रहना चाहती हैं. किसी बंधन में बंधने से ज्यादा वह सिंगलहुड को तरजीह देती हैं. यही कारण है कि भारतीय परिदृश्य में भी महिलाएं कुत्ता पालना पसंद करती हैं. वैसे भी कुत्ते की वफादारी पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता, ऐसे हालातों में जब तक महिला अपने संबंध के विषय में आश्वस्त नहीं हो जाती या खुद को किसी संबंध में बंधने के लिए खुद को तैयार नहीं कर लेती तब तक कुत्ते के रूप में एक वफादार साथी रखने में कोई बुराई नहीं है.


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