अगर हम मौजूदा परिस्थितियों पर नजर डालें तो इस बात को नजरअंदाज नहीं कर पाएंगे कि आज भले ही व्यक्ति के पास खुद को सफल साबित करने के लिए हजार अवसर और माध्यम हैं. किंतु अपने प्रतिद्वंदियों से आगे निकलने और खुद को सबसे बेहतर साबित करने के लिए व्यक्ति अपने समय का निर्धारण नहीं कर पाता और अधिकाधिक पैसे कमाने को ही अपना ध्येय समझ लेता है. इसी चक्कर में आए-दिन कई प्रेमी जोड़े एक-दूसरे से अलग हो रहे हैं. इतना ही नहीं आत्म-केन्द्रित होती मानसिकता और पैसे की ओर बढ़ता आकर्षण वैवाहिक संबंधों को भी प्रभावित कर रहा है. प्राय: देखा जाता है कि विवाहित जोड़े में से कोई एक अपने काम में इस कदर उलझ जाता है कि दूसरे व्यक्ति की अपेक्षाएं व उसकी भावनाएं इससे प्रभावित होने लगती हैं. वह भावनात्मक रूप से खुद को अकेला समझने लगता है इसके साथ ही उसे अपने साथी से दूर होने का डर भी सताने लगता है. कभी-कभार व्यक्ति अपने साथी से इतना ज्यादा जुड़ जाता है कि उससे अलग होने का डर ही उसके लिए असुरक्षा की भावना में परिवर्तित हो जाता है. उसे हमेशा यहीं भय सताता रहता है कि कहीं उसका साथी उसे किसी और के लिए छोड़ ना दे.
भावनात्मक असुरक्षा का सामना करता हुआ व्यक्ति कब मानसिक समस्याओं से घिर जाता है उसे और उसके परिवार या साथी को पता ही नहीं चलता. वक्त गुजरने के बाद ही उसकी परेशानी सब के सामने आती है. लेकिन निम्नलिखित लक्षणों को जानने के बाद आप अपने साथी या परिवार के सदस्य की मानसिक स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं. परिणामस्वरूप आप वक्त रहते ही इन परेशानियों का हल ढूंढ लें.
अगर आप अपने साथी के भीतर निम्नलिखित परिवर्तन या व्यवहार देख रहे हैं तो उसे कुछ भी कहने से पहले अपने भीतर झांक कर देखें. आपका साथी आपकी वजह से तनाव में है तो निश्चित रूप से इसमें आपकी गलती है. अपनी गलती ठीक करने के लिए आपको अपने साथी को इस बात से आश्वस्त करना होगा कि आप उसे लेकर संजीदा हैं. उसका साथ आपके लिए जरूरी है. लेकिन अगर आप सिर्फ उसकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं तो जितनी अधिक कोशिश कर सकें उसे समझाने की करें. उसके साथ किसी भी प्रकार के झूठे वायदे ना करें. उसे नजरअंदाज करने से बेहतर है उसे परिपक्वता से समझाएं और आपसी समझबूझ के साथ अलग होने का निर्णय कर लें.
Read Comments