खुश रहना हो तो टेंशन को करें बाय-बाय
कहते हैं हर समस्या से निपटने के दो तरीके होते हैं. पहला वो जिसके नतीजे अल्पकालिक सफलता लिए होते हैं और दूसरा वो जो उस समय भले ही प्रभावी ना साबित हों लेकिन दूरगामी सफलता की गारंटी जरूर लेते हैं.
हम सभी को खुश रहने और अपने अनुसार जीवन जीने का अधिकार है. लेकिन कभी-कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि हम चाहते हुए भी खुश नहीं रह पाते. इतना ही नहीं अगर खुश रहना मुश्किल लगने लगे तो हम इसके लिए प्रयास करना तक बंद कर देते हैं. प्राय: ऐसे लोग जो खुश रहने का प्रयास नहीं करते उन्हें यही लगने लगता है कि खुशियां भी किसी-किसी को ही नसीब होती हैं. जबकि ऐसा कुछ नहीं है. अगर खुश रहना आपके लिए एक चुनौती बन गई है तो निश्चित रूप से इसके समाधान भी अवश्य हैं. वर्तमान दौर में अधिकांश लोग व्यस्त दिनचर्या और एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लिप्त होने के कारण अपने लिए समय निकालना भी भूल गए हैं.
स्वयं को खुश रखने के भी दो तरीके होते हैं. एक, आप खुशी के मौके का इंतजार करते हुए स्वयं को संतुष्ट कर ले और दूसरा अवसरों का इंतजार किए बिना छोटी-छोटी खुशियों को महत्व दें.
वैसे तो खुश रहने के लिए आपको स्वयं ही प्रयास करना पड़ेगा लेकिन अगर आप भी भागती-दौड़ती जीवनशैली के कारण हंसना-मुस्कुराना भूल गए हैं तो निम्नलिखित सुझाव आपको इस अंधेरे में खुश रहने की एक किरण दिखा सकते हैं.
- कहते हैं खुशी और मुस्कुराहट एक संक्रामक विशेषता है. आप जैसे लोगों के साथ संपर्क रखते हैं, अपना समय बिताते हैं, उनका स्वभाव आपके भीतर विकसित होने लगता है. अर्थात अगर आप ऐसे लोगों के साथ ज्यादा मेलजोल रखते हैं जो खुश रहना तो दूर हमेशा अपने नकारात्मक स्वभाव का ही परिचय देते रहते हैं तो यह आपके व्यक्तित्व पर भी प्रभाव डाल सकता है. इसीलिए जितना हो सके ऐसे लोगों को अपने जीवन से दूर करने का प्रयास करें. खुशहाल और प्रसन्न लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं. निःसंदेह व्यावसायिक संबंध और काम जरूरी होते हैं लेकिन इन्हें अपने ऊपर हावी ना होने दें. कभी-कभार हल्का-फुल्का मूड भी अच्छा रहता है.
- अगर आप एक बोरिंग और तनावग्रस्त दौर से गुजर रहे हैं तो आप सबसे पहले एक कागज और पेन लें. उस कागज पर आप अपनी सारी परेशानियां लिख दें. कागज के दूसरी ओर आप यह लिखें कि पिछले सप्ताह ऐसा क्या हुआ जिसके कारण आपके चेहरे पर मुस्कान आई. और हर दो घटनाओं के लिए खुद को एक अंक दें. इस गतिविधि को लगातार छ: महीने तक करें. किसी पुराने दोस्त के साथ स्कूल और कॉलेज की यादें ताजा करना, उगते सूरज को देखना, बारिश के समय दोस्तों के साथ कॉफी पीना आदि सभी के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे प्रसंग हैं जो निश्चित रूप से खुशी प्रदान करते हैं. आप अपने दोस्तों के साथ संपर्क बनाने और उनसे मिलने का एक भी मौका ना गंवाएं.
- आप में से अधिकांश लोग एक ऐसा टार्गेट बना लेते हैं जिसके बाद वह स्वयं को खुश मान लेंगे. उस टार्गेट को पूरा करने के लिए वह अपने जीवन के अनमोल पलों और उनसे जुड़ी छोटी-छोटी खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं. खुशियों का कोई समय निर्धारित नहीं होता बल्कि खुशियां तो आपके इंतजार में ही रहती हैं. आप जब चाहे उन्हें अपना सकते हैं.
- अभी तक आप दूसरों को ही उपहार देते आए हैं. एक बार अपनी प्रशंसा के तौर पर खुद को एक बढ़िया सीट्रीट और गिफ्ट दें. एक दिन सिर्फ अपने साथ बिताएं और समझें कि आपकी खुशियां आपके लिए कितनी जरूरी हैं.
- जैसा कि पहले ही कहा जा चुका है कि खुशियां संक्रामक होती हैं. इसीलिए आप खुद भी खुश रहे और दूसरों को भी खुश रखें.
आमतौर पर सफल होने के लिए शॉर्टकट को अपनाना सही नहीं माना जाता. लेकिन खुश रहने के लिए ऐसी कोई धारणा मान्य नहीं है. स्वयं को खुश रखने के लिए आप जो भी चाहे कर सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखते हुए कि आपकी खुशी दूसरों की पीड़ा का कारण ना बने.
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