एक बड़ी कॉरपोरेट कंपनी में काम करने वाला सुमित पिछले दो साल से अपनी टीम का नंबर एक परफॉर्मर था. उसके टीम के बाकी लोग भी उसकी बहुत तारीफ करते थे. सुमित सभी के साथ बहुत विनम्र और सहज बर्ताव करता था. लेकिन जिस बॉस के अधीन वह कार्य करता था, वह उसकी इस काबीलियत से बहुत ईर्ष्या रखता था. अपनी जलन को कम करने के लिए उसने सुमित की बजाय उसके एक जूनियर को पदोन्नति देकर उसे सुमित से बड़े ओहदे पर पहुंचा दिया. सुमित को यह सब बिलकुल पसंद नहीं आया. बॉस के इस निर्णय ने उसे मानसिक और व्यवसायिक तौर पर बहुत आहत किया.
नेहा जो एक मीडिया हाउस में काम करती है उसे भी बॉस की जलन का शिकार होना पड़ा. नेहा बहुत ही मेहनती और समझदार लड़की है. निरंतर संघर्ष करती हुई नेहा पिछले पांच वर्षों में अपनी पहचान बनाने में सफल तो रही लेकिन फिर भी उसे एक बहुत अच्छे अवसर की तलाश थी. आज उसे बहुत अच्छा प्रोजेक्ट मिल सकता था. लेकिन उसके बॉस ने वह प्रोजेक्ट एक ऐसे व्यक्ति को सौंप दिया जिसे नेहा बिलकुल पसंद नहीं करती थी. उसका बॉस यह जानता था कि अगर नेहा को यह प्रोजेक्ट मिल गया तो वह इसमें जरूर सफल होगी इसीलिए यह प्रोजेक्ट एक ऐसे व्यक्ति को दिया गया जो इसके लायक नहीं था.
सुमित और नेहा ही ऐसे कर्मचारी नहीं हैं जिन्हें अपनी काबीलियत के बावजूद ऑफिस में अपेक्षित स्थान या ओहदा नहीं मिल पाया. ऑफिस में काम करने वाले बहुत से कर्मचारियों को अपने बॉस की जलन का शिकार होना पड़ता है. बॉस चाहे व्यक्तिगत रूप से कितना ही अच्छा क्यों ना हो लेकिन जब उसे यह लगने लगता हैं उसका जूनियर ऑफिस में उसके लिए असुरक्षा पैदा कर सकता हैं तो अच्छे से अच्छा बॉस भी ईर्ष्या का शिकार हो जाता है. ऐसे में अपने बॉस के साथ अच्छी ट्यूनिंग रखना बहुत जरूरी हो जाता है. ताकि उन्हें कभी भी यह ना लगे कि आप उनके लिए खतरा बन सकते हैं. लेकिन अगर किसी कारणवश ऐसा संभव ना हो तो कम से कम अपने आपसी संबंध को दुश्मनी में तो तब्दील ना होने दें. निम्नलिखित सुझावों पर अमल कर आप अपने प्रति बॉस की ईर्ष्या को प्रशंसा में भी बदल सकते हैं.
बॉस चाहे जैसा भी हो और आप चाहे कितने की टैलेंटेड हों वह आपका बॉस ही रहेगा. इसीलिए उसके साथ अच्छी ट्यूनिंग रखना आपके कॅरियर के लिए बहुत जरूरी है.
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