इस तथ्य में कोई दो राय नहीं है कि पहली मुलाकात में आप स्वयं को दूसरे के सामने कैसे पेश करते हैं यही आपके आगे के संबंध को निर्धारित करता है. इसके लिए अच्छा दिखना और प्रभावी वाचन शैली बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. लेकिन आज पहली मुलाकात नेट पर ही हो जाती है, अर्थात इंटरनेट के जमाने में लोग पहले चैट करने फिर एक-दूसरे से मिलने के बारे में सोचते हैं. अब ऐसे में आप कैसे दिखते या बोलते हैं, यह तो बाद की बात है, सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप लिखते कैसा हैं!!
हो सकता है यह बात थोड़ी अटपटी लगे लेकिन एक नए अध्ययन ने यह प्रमाणित किया है कि आप चैट पर क्या और कैसे लिखते हैं यही आपके भावी संबंध की नियति तय करता है.
क्वींसलैंड तकनीकी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से जुड़े वैज्ञानिकों ने यह स्थापित किया गया है कि चैट पर लिखते समय आप कैसी भाषा का प्रयोग करते हैं, सही व्याकरण और शब्द चयन कैसा करते हैं, यह दूसरे व्यक्ति के मस्तिष्क में आपकी छवि निर्धारित करते हैं. जिसके बाद ही आपका चैट फ्रेंड आपमें दिलचस्पी लेता है. यदि उसे आपकी लिखने की कला पसंद नहीं आई तो वह आपको नजरअंदाज करना भी शुरू कर सकता है.
इस अध्ययन में शामिल अधिकांश युवाओं का यही कहना है कि जिस व्यक्ति से वे चैट कर रहे हैं, वह उसके बारे में भले ही कुछ ना जानते हों, लेकिन उसके लिखने के तरीके से बहुत थोड़े समय में ही यह ज्ञात हो जाता है कि वह दोस्ती बढ़ाने के काबिल है या नहीं. इतना ही नहीं, जिन लोगों की लेखन शैली असहनीय और जरूरत से ज्यादा खराब होती है, उनसे बात करना भी पसंद नहीं किया जाता
शोधकर्ताओं का कहना है कि आप भले ही उस भाषा के ज्ञाता या आदी ना हों, लेकिन अगर आप जरूरत के अनुसार और सहज तरीके से उस भाषा का प्रयोग करें तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता. बड़े-बड़े अक्षरों में लिखने और अजीबो-गरीब नाम से अपनी ई-मेल आई.डी. बनाने वाले लोगों को भी थोड़ी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. वैज्ञानिकों के अनुसार खुद को कूल और मॉडर्न दर्शाने के लिए भिन्न-भिन्न और छद्म नामों से चैट करना भी आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है. विशेषकर लड़के जो अपना नाम रॉक स्टार, डैशिंग बॉय आदि रख लेते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि लड़कियों को यह सब बिलकुल पसंद नहीं आता. अपने वास्तविक नाम से अगर आप बात करेंगे तो ज्यादा फायदेमंद होगा.
हालांकि कुछ लोगों ने यह भी स्वीकार किया है कि केवल भाषा शैली के आधार पर किसी को परखना न्यायसंगत नहीं है. जब तक हम किसी को व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते तब तक किसी के लिए कुछ भी कहना गलत ही होगा. वैसे देखा जाए तो यह सुझाव बिलकुल सही है. लेकिन आज मिलने से पहले चैट करना और चैट वाले दोस्तों से मिलना सभी को पसंद आता है. विशेषकर युवा जो चैट और इंटरनेट पर ही अपना सारा समय व्यतीत करते हैं उनके लिए यह अध्ययन शायद थोड़ा फायदेमंद हो सकता है.
कैसे करें बात नेट फ्रेंड से
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