हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि वे पुरुष जो विवाहेत्तर संबंधों में लिप्त रहते हैं वे अपनी पत्नी से ज्यादा पैसा अपनी प्रेमिका पर खर्च करते हैं. एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर रखने वाले पुरुषों की दिलचस्पी अपनी पत्नी में पूरी तरह समाप्त हो जाती है और वह अपनी पत्नी को बस घरेलू उपयोग की वस्तुएं ही तोहफे में देते हैं.
इल्लिसिट एंकाउंटर्स (Illicit Encounters) नामक एक अमेरिकी वेबसाइट द्वारा संपन्न इस अध्ययन में 2,000 पुरुषों को शामिल किया गया, जिनसे यह सवाल पूछा गया कि वह अपनी पत्नी या प्रेमिका को गिफ्ट देने के लिए कितना धन व्यय करते हैं. औसतन सभी पुरुष अपनी पत्नी और प्रेमिका को दिए जाने वाले तोहफे में वेरायटी और उसके मूल्य में अंतर रखते हैं. 89 प्रतिशत पुरुषों ने यही जवाब दिया कि वे अपनी प्रेमिका को तो रोमांटिक चीजें भेंट करते हैं लेकिन पत्नी के लिए वह हमेशा व्यावहारिक और घर के काम आने वाले उपहार ही देते हैं. मात्र 42 प्रतिशत पुरुषों का कहना था कि वह अपनी पत्नी के लिए भी समान खर्चा करते हैं.
वहीं दूसरी ओर आधे से ज्यादा पुरुषों का यह कहना था कि वे अपनी पत्नी को उपयोगी और जरूरत के अनुसार तोहफा देते हैं, लेकिन प्रेमिकाओं को उपयोगी सामान भेंट करने वाले पुरुषों की संख्या बस तीन प्रतिशत ही थी.
डेली में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वेबसाइट के अधिवक्ता रोजी फ्रीमैन जोंस का कहना है कि तोहफों में अंतर यह साफ दर्शाता है कि पुरुष, प्रेमिका और पत्नी के लिए अपनी भावनाओं में भी अंतर रखता है.
रोजी का यह भी कहना है कि जब पुरुष विवाहेत्तर संबंध की ओर रुख करते हैं तो यह स्वत: ही स्पष्ट कर देता है कि पुरुष अपनी पत्नी से अब पहले जैसा आकर्षण और लगाव नहीं रखते. ऐसे हालातों में शारीरिक और मानसिक दोनों ही पहलुओं में प्रेमिका के साथ जुड़ाव रखना स्वाभाविक हो जाता है. यही वजह है कि प्रेमिकाएं उपयोगी नहीं सुंदर और रोमांटिक गिफ्ट ग्रहण करती हैं. पुरुष अपनी पत्नी को जितना ज्यादा बोर समझेंगे उन्हें दिए जाने वाले तोहफे भी उतने ही बोर होते जाएंगे.
बदलते हालातों और पारिवारिक परिदृश्य के कारण आज भारत में भी विवाहेत्तर संबंध अपनी पहचान बनाने लगे हैं. भारतीय परिवारों का ढांचा और उसकी संरचना बहुत मजबूत है इसीलिए इन संबंधों को विशेष स्थान मिलना तो संभव नहीं है लेकिन जब पति-पत्नी के बीच परेशानी विकसित होने लगती है तो दोनों में से कोई एक एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर रखता है. अगर दोनों के बीच संबंध पहले से ही परिपक्व होंगे, आपसी भावनाएं मजबूत होंगी और उससे भी अधिक एक-दूसरे को समझने की कोशिश की जाएगी तो कभी भी विवाहेत्तर संबंध या एक्स्ट्रा मैरिटल संबंध के हालात पैदा नहीं होंगे.
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