आप किसी से बेहद प्रेम करते हैं और उसे ही अपना मिस्टर या मिस राइट समझ लेते हैं लेकिन वह व्यक्ति आपके प्रति संवेदनशीलता या संजीदगी नहीं बरतता और जरूरत पड़ने पर आपके साथ विश्वासघात करता है. निश्चित है कि ऐसे में आप भावनात्मक रूप से टूट जाएंगे और आपका विश्वास प्रेम से उठ जाएगा. आपके लिए सच्चे प्रेम की कल्पना बिल्कुल निरर्थक हो जाएगी. लेकिन क्या जिस व्यक्ति से आपने प्रेम किया और उसने आपको धोखा दिया वह सच में आपका मिस्टर राइट था या उसका आपके प्रति केवल आकर्षण था जो बहुत ही जल्द समाप्त हो गया?
हो सकता है आपका पर्फेक्ट लव आपके सामने ही हो और आप उसे अपनी नादानी के कारण पहचान ना पा रहे हों. चीन में खुले एक मैच मेकिंग कंपनी की मानें तो वह लोगों को जल्द से जल्द उनके सोलमेटसे मिलवा सकती है. याली मैरेज कोश्येंट नामक इस कंपनी ने एक इंस्टिट्यूट की स्थापना की है, जिसमें 90 दिन तक चलने वाले कोर्स को पूरा कर कोई भी अकेली महिला अपने लिए एक पर्फेक्ट हस्बैंड ढूंढ़ सकती है.
इंस्टिट्यूट की संस्थापक लिआंग याली का कहना है कि विवाह जैसे संबंध जीवन में एक बार जुड़ते हैं और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बुरे परिणाम दे सकती है. इंस्टिट्यूट से कोर्स पूरा कर निकलने वाली महिलाओं में आत्मविश्वास और जरूरी प्राथमिकताओं की समझ बढ़ती है. वे खुद को ज्यादा अच्छी तरह परख सकती हैं. याली का यह भी दावा है कि इंस्टिट्यूट से स्नातक होने वाली 60 प्रतिशत महिलाओं ने अपने लिए एक बेहतर जीवन साथी तलाशा है.
हालांकि इस संस्थान की फीस बहुत ज्यादा है लेकिन लिआंग के पति और संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डेविस का कहना है कि सच्चे प्यार की आस रखने वाली महिलाओं के लिए यह कीमत कुछ भी नहीं है. कोर्स के अंतर्गत विशेष सत्र चलाए जाते हैं जिसमें प्रेम का महत्व और पुराने कटु अनुभवों के बारे में बात की जाती है जिनके आधार पर महिलाओं को यह समझाया जाता है कि उनके लिए कैसा साथी उपयुक्त रहेगा.
लिआंग याली 90 दिनों के भीतर महिलाओं को पूरी तरह संतुष्ट और आत्मनिर्भर बनाने का दावा करती हैं और अगर कोर्स के बाद महिलाएं अपना जीवन साथी ना ढूंढ़ पाएं तो सारी राशि वापस भी की जाती है.
हालांकि प्रेम संबंध सभी के जीवन में बहुत महत्व रखते हैं लेकिन कहते हैं सच्चा प्रेम सिर्फ किस्मत वालों को ही मिलता है. रोज बनने या टूटने वाले संबंध प्रेम नहीं बस अफेयर ही कहलाते हैं. आजकल की युवा पीढ़ी भले ही प्रेम रूपी भावना के महत्व से अंजान हो लेकिन इससे प्रेम के औचित्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. अगर आप भी इस संस्थान में दाखिला लेकर अपने प्रेमी तक पहुंचना चाहते हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है. लेकिन प्रेम मिलना अगर इतना आसान होता तो प्रेम की महत्ता स्वत: ही समाप्त हो जाती.
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