ब्रेक-अप ही तो हुआ है बस !!
प्राय: सभी को अपने जीवन में किसी विशेष व्यक्ति के आने का इंतजार रहता है. पहले के समय में जहां यह इंतजार विवाह के पश्चात ही समाप्त होता था वहीं आज के युवा, जो कुछ ज्यादा ही फास्ट-फॉर्वर्ड है वह इंतजार और धैर्य जैसे शब्दों को ओल्डफैशंड समझते हैं और इनमें ज्यादा विश्वास भी नहीं करते. आज युवा स्कूल-कॉलेज के दिनों से ही अपने लिए एक खास व्यक्ति की तलाश शुरू कर देते हैं. उल्लेखनीय है कि उनकी यह तलाश साथी मिलने के बाद भी जारी रहती है.
परिपक्वता या भावनाओं की कमी के कारण उनके संबंध जितनी तेजी से बनते हैं उससे कहीं ज्यादा तेजी से टूट भी जाते हैं. पहले तो युवकों को ही संबंध विच्छेद का कारण समझा जाता था लेकिन आज इस संदर्भ में महिलाएं भी कुछ कम नहीं हैं. खैर, यहां धोखा देने या संबंध को समाप्त करने वाले व्यक्ति का जिक्र करना महत्व नहीं रखता. क्योंकि जो व्यक्ति अपने स्वार्थ के कारण संबंध को तोड़ता है निश्चित है कि उसने अपने साथी की भावनाओं को कभी समझा ही नहीं था. लेकिन जो व्यक्ति अपने साथी के लिए संजीदा था, वह अपने इस ब्रेक-अप के दर्द को सहन करने के लिए विवश हो जाता है. उसकी उम्मीदें, अपेक्षाएं मानों कहीं खो जाती हैं.
लेकिन क्या किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जिसने कभी आपकी भावनाओं को महत्व नहीं दिया अपने जीवन और खुशियों के साथ समझौता करना बुद्धिमानी कही जाएगी?
शायद नहीं, क्योंकि कोई भी परिपक्व व्यक्ति अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करना पसंद नहीं करेगा और वैसे भी जब तक आप अपनी खुशियों का महत्व नहीं समझेंगे तब तक कोई भी आपको गंभीरता से नहीं लेगा. इसीलिए आपके जीवन को सहज और सुंदर बनाने के लिए कुछ जरूरी टिप्स नीचे दिए जा रहे हैं:
- किसी ऐसे व्यक्ति से संबंध विच्छेद होना जो आपके साथ रहना ही नहीं चाहता था, आपके आगामी जीवन के लिए बहुत सुखद है. जिस दिन आपका साथी आपसे अलग होने के लिए कहता है उसी समय साथ रहने का महत्व समाप्त हो जाता है. आप भले ही उस व्यक्ति के लिए कितना ही गंभीर क्यों ना रहें लेकिन हमें अपनी भावनाएं उस व्यक्ति के लिए रखनी चाहिए जो हमारे लिए भी समान भावना रखता है.
- कोई भी व्यक्ति ब्रेक-अप करने से पहले या बाद में खुद को दोषी नहीं ठहराता इसीलिए अगर आपका साथी आपसे यह कहता है कि आपको उससे बेहतर कोई साथी मिल सकता है या मुझे कुछ समय सिर्फ अपने लिए चाहिए तो समझ जाइए कि आपका साथी अब आप में दिलचस्पी नहीं लेता. बेहतर है कि आप स्वयं उससे दूर हो जाएं.
- अगर आपका किसी कारणवश ब्रेक-अप हो गया है तो आपको परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लेना चाहिए. जो होना था हो गया. वैसे भी अब खुद को टॉर्चर कर आपको कुछ हासिल नहीं होगा. अगर संबंध ही कामयाब नहीं रहा तो उसके लिए परेशान होने से कोई फायदा भी नहीं होगा. अपने साथी को भूलना मुश्किल हो सकता है लेकिन समय के साथ-साथ सब मुमकिन हो जाता है. इसीलिए यह सोचकर बैठ जाना कि आप कभी उसे भूल नहीं पाएंगे, बेमानी है. ब्रेक के कुछ समय बाद तक आपको अपना जीवन असहनीय लगता है लेकिन केवल कुछ समय के लिए ही ऐसा होता है. अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो कोई भी आपको खुश रहने से नहीं रोक सकता.
- प्राय: देखा जाता है कि लोग ब्रेक-अप के बाद दोस्त बने रहने की कोशिश करते हैं. हम दोस्त हैं, हम संपर्क में रहेंगे आदि ऐसे कुछ डायलाग्स पर बहुत जल्दी विश्वास कर लिया जाता है, जबकि सच यह है कि अगर आप ब्रेक अप के बाद दोस्ती के संबंध में बंधते हैं तो आप कभी भी अपने साथी को भूल नहीं पाएंगे. इसके विपरीत आपको यही कोशिश करनी चाहिए कि आप कभी भी अपने एक्स के संपर्क में ना आएं.
- सबसे जरूरी बात, अगर आपका एक संबंध असफल रहा है तो यह कभी ना सोचें कि अब आपके जीवन में कोई भी व्यक्ति नहीं आ सकता. अगर आपका एक ऐसे व्यक्ति के साथ ब्रेक-अप हुआ है तो इसका आशय यह है कि आप किसी योग्य व्यक्ति के और नजदीक आते जा रहे हैं.
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