प्रत्येक व्यक्ति विवाह के संदर्भ में एक जीवनसाथी की चाह रखता है जो उसकी भावनाओं का सम्मान करे और उसकी इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश करे. उल्लेखनीय है कि महिलाएं अपने विवाह को लेकर पुरुषों की अपेक्षा कहीं ज्यादा उत्साहित रहती हैं इसीलिए उनके लिए हमेशा से ही यह जरूरी रहता है कि जिस भी पुरुष से वह विवाह करें वह पुरुष नैतिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोणों से ही उनके प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध रहे. वैसे भी हमारी परंपराओं में विवाह के पश्चात दंपत्ति आजीवन के लिए एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं और परिस्थितियां चाहे कैसी भी रहें उन्हें हर कदम पर एक-दूसरे का साथ निभाना होता है.
जैसा कि सर्वविदित है पुरुषों का प्रतिबद्ध होना और अपने साथी के प्रति समर्पित रहना उनके मौलिक स्वभाव के विपरीत है. इसीलिए अधिकांश महिलाओं का यह स्वप्न कि उनका साथी उनके प्रति समर्पित रहे विवाह के कुछ समय बाद ही टूट जाता है. कई महिलाएं तो अपने साथ होती धोखेबाजी को जान जाती हैं लेकिन कुछ महिलाएं अपने पति के उदार और अत्याधिक नम्र व्यवहार के पीछे छिपे उसके विश्वासघात से कभी भी परिचित नहीं हो पातीं. अगर कभी उन्हें इस बारे में पता चल भी जाता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है.
एक नए अध्ययन द्वारा यह स्थापित किया गया है कि जब पति अपनी पत्नी के साथ बहुत ही विनम्र व्यवहार करता है या उसकी हर बात को मानने लगता है, जबकि वह पहले ऐसा बिल्कुल नहीं था, तो उसका यह स्वभाव परिवर्तन स्वयं यह प्रदर्शित करता है कि कहीं ना कहीं कुछ गलत हो रहा है.
इस रिसर्च में शामिल 2,000 वयस्कों में लगभग दो-तिहाई महिलाओं ने जब यह महसूस किया कि उनका पति या ब्वॉयफ्रेंड उनके साथ पहले से कहीं ज्यादा रोमांटिक हो रहा है, इतना ही नहीं सुबह उनके लिए स्वयं नाश्ता भी बनाने लगा है तो उन्हें अपने साथी की धोखेबाज होने की आशंका होने लगी. वहीं कुछ महिलाओं का अपने पति द्वारा महंगे-महंगे तोहफे देना और उन्हें शॉपिंग पर लेकर जाना बहुत अटपटा लगा.
केलोग्स (Kellogg’s) द्वारा संपन्न इस शोध में यह भी देखा गया कि पुरुषों का अपनी पत्नी के साथ रसोई और घर के अन्य कामों में हाथ बंटाना उनके द्वारा किए जा रहे धोखेबाजी का सूचक है. इतना ही नहीं अधिकांश महिलाएं इस लक्षण को पहचान भी लेती हैं. लेकिन हर तीन में से एक महिला का यह कहना है कि अगर पति द्वारा की जाने वाली बेवफाई उन्हें खुश रखती है तो इसमें उन्हें कोई परेशानी नहीं है.
डेली मेल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार केलोग्स के अधिवक्ता लुइस थॉम्पसन डेविस का कहना है कि संबंधों को लेकर महिला और पुरुष की भावनाओं में अंतर होता है. इसीलिए पुरुषों को यह लगता है कि अगर वह अपनी पत्नी को धोखा दे रहे हैं तो उसकी पूर्ति के लिए वह अच्छा व्यवहार करें. जबकि महिलाओं को यह बहुत संदेहजनक ही लगता है.
डेविस का कहना है कि आजकल लोगों की जीवनशैली इतनी ज्यादा व्यस्त हो चुकी है कि किसी पुरुष के लिए अपनी पत्नी को स्वयं अपने हाथों से बना नाश्ता खिलाना और उनके साथ विशेष व्यवहार करना बहुत मुश्किल है. अगर वो ऐसा करते भी हैं तो यह बस किसी विशेष अवसरों पर ही संभव है. लेकिन जब पुरुष आए दिन ऐसा करने लगें तो संभव है कि वह अपना दोष छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.
इस शोध को अगर भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखा जाए तो पुरुष चाहे किसी भी समाज या देश के क्यों ना हों, बेवफाई और समर्पण का अभाव उनकी स्वाभाविक विशेषता है. इतना ही उनका स्वभाव बहुत हद तक बेपरवाह भी होता है इसीलिए वह कभी इस ओर ध्यान नहीं देते कि उन्हें अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड से किस तरह का व्यवहार करना चाहिए. इसीलिए अगर भारतीय महिलाओं के पति अपने स्वभाव से विपरीत व्यवहार करते हैं तो निश्चित तौर पर उनका ऐसा बर्ताव संदेहास्पद हो सकता है. लेकिन फिर भी सभी पुरुषों को इस अध्ययन के दायरे में लाना न्यायसंगत नहीं हो सकता. हो सकता है कि कुछ पुरुषों के स्वभाव परिवर्तन का कारण कुछ और हो.
Read Comments