विवाह से जुड़े सभी रीति-रिवाज और परंपराएं किसी भी व्यक्ति के जीवन में एक खास महत्व रखती हैं. भारत जैसे पारंपरिक समाज के संदर्भ में अगर बात की जाए तो यहां आज भी विवाह से पूर्व महिला और पुरुष के मिलने-जुलने को पूर्ण सहमति प्राप्त नहीं हो पाई है. हालांकि कुछ क्षेत्रों और वर्गों में डेटिंग की व्यवस्था को स्वीकार किया जा चुका है लेकिन इनकी संख्या बहुत कम है.
हिंदू वैवाहिक व्यवस्था में विवाह संबंधी सभी रिवाजों की शुरूआत सगाई की अंगूठी पहनाकर की जाती है. यही वजह है कि सगाई की अंगूठी सभी विवाहित या विवाह बंधन में बंधने वाले जोड़ों के लिए खास महत्व रखती है. पहले जहां सभी परंपराएं बड़ी सादगी के साथ निभाई जाती थीं जिसके कारण अंगूठी का स्टाइल और इसके लिए इस्तेमाल की जाने वाली धातु को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था. प्राचीन मिस्र में अंगूठी का गोल आकार कभी ना समाप्त होने वाले संबंध का प्रतीक माना जाता था. रोमन काल में शादी की अंगूठी को स्थायित्व के प्रतीक लोहे की धातु से बनाया जाता था.
लेकिन अब जमाना बदल गया है. आजकल इसकी जगह सोने ने ले ली है, जो अपनी शुद्धता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है. सोने के अलावा लोग व्हाइट गोल्ड या प्लेटिनम जैसी बहुमूल्य धातुओं की हीरा जड़ी अंगूठियों को अपनी सगाई की अंगूठी के रूप में देखना चाहते हैं.
वैसे तो पहले भी नई-नवेली या भावी दुल्हनों के मन में अपनी अंगूठी को लेकर उत्साह रहता था लेकिन सामाजिक और पारिवारिक बंधनों के कारण महिलाएं अपने उत्साह को जाहिर नहीं कर पाती थीं. लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है, क्योंकि अब महिलाएं बेहद बोल्ड और खुले विचारों वाली हैं. आज वे अपनी शादी के लिए अंगूठी की डिजाइन या धातु जैसे सोना, प्लेटिनम आदि का चुनाव खुद करती हैं.
पहले के समय में शादी के लिए खरीदे जाने वाले गहनों का चुनाव अभिभावक स्वयं करते थे लेकिन आज लड़कियों की पसंद-नापसंद भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. उल्लेखनीय है कि इंटरनेट के युग में दुकानों पर अंगूठी देखने जाने के अलावा महिलाएं नेट पर भी नए-नए डिजाइन ढूंढ़ती हैं.
उल्लेखनीय है कि कई पश्चिमी देशों में तीन फरवरी को ‘वेडिंग रिंग डे’ के रूप में मनाया जाता है. भले ही हमारे देश में ऐसा कोई विशेष दिन प्रचलित नहीं है लेकिन भावनाओं के मामले में हमारा समाज सर्वोपरि है. वैसे भी जिस दिन आप आजीवन किसी के लिए समर्पित रहने के लिए प्रतिबद्ध हो जाते हैं, उस व्यक्ति के प्रति आपका प्रेम और भावनाएं किसी खास दिन की मोहताज नहीं रह जातीं.
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