पहले की अपेक्षा कहीं अधिक तनावग्रस्त और जटिल जीवनशैली से जूझ रहे लोगों के लिए दिन के चौबीस घंटों में अपने लिए थोड़ा सा समय निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है. काम और घर के प्रति जिम्मेदारियों को निभाने के चक्कर में ज्यादातर लोग शारीरिक और मानसिक थकान की शिकायत करते हैं.
चिकित्सकों और विशेषज्ञों का भी कहना है कि देर तक और निरंतर काम करना स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद हानिकारक है. दिन भर की थकान और काम से जुड़ी अनेक समस्याओं का सामना करते हुए लोग अनिद्रा जैसी बीमारी की चपेट में भी अपेक्षाकृत जल्दी आ जाते हैं. भागती-दौड़ती दिनचर्या में सुकून की नींद की कल्पना करने जैसी बातें दिनोंदिन अपना महत्व खोती जा रही हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर नींद और दिनभर के कामों के बीच संतुलन बैठाया जाए तो आप चैन की नींद सोने के साथ-साथ अगले दिन ऑफिस या घर संभालने जैसी जिम्मेदारियों के लिए खुद को फिट भी रख सकते हैं.
एक शोध में यह बात प्रमाणित की गई है कि जो लोग आरामदायक जीवन और अच्छी नींद की ख्वाहिश रखते हैं उन्हें रात को दस बजे सो जाना चाहिए. रात को दस बजे सोने से आप दिनभर की थकान से मुक्ति पाने के अलावा खुद को कहीं गुणा ज्यादा तरोताजा भी महसूस करेंगे.
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि रात को करीब आठ से साढ़े आठ के बीच दिन का अंतिम भोजन किया जाना चाहिए और पौने दस के आस-पास चाय की चुस्की लेने के तुरंत बाद सोने से आपको बहुत अच्छी नींद आएगी.
डेली एक्सप्रेस में प्रकाशित इस अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार वे महिलाएं जो घर संभालती हैं, उन्हें दिन में करीब 2 घंटे आराम करना चाहिए. ब्रिटेन के करीब 2,000 वयस्कों पर संपन्न इस अध्ययन में यह बात प्रमाणित की गई है कि वे लोग जो दस बजे के आसपास सो जाते हैं, भले ही उन्हें सुबह जल्दी क्यों ना उठना पड़े लेकिन वह अपनी नींद पूरी कर लेते हैं. परिणामस्वरूप वह अपने ऑफिस और घर में कहीं अधिक सक्रिय रहते हैं.
ब्रिटेन के नागरिकों को केंद्र में रखकर किए गए इस अध्ययन को अगर हम भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखें तो यहां भी हम तनाव और अनिद्रा जैसे कारकों को आम जन के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते देख सकते हैं. पहले भी कई बार सुनते और देखते आए हैं कि जल्दी सोना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है. इसीलिए अगर इन नतीजों पर अमल किया जाए तो हो सकता है यह दिनोंदिन बढ़ती परेशानियों को कम करने में सहायक सिद्ध हो सके.
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