सोशल नेटवर्किंग साइटों के फायदे और नुकसान के विषय में प्राय: सभी भली प्रकार जानते हैं. इन साइटों के उपयोगकर्ता यह समझते हैं कि वे जितना अधिक समय आभासी मित्रों के साथ व्यतीत करेंगे वह अपने वास्तविक दोस्तों और संबंधियों से दूर होते जाएंगे. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि यह सभी दुष्प्रभाव जानने के बावजूद फेसबुक जैसी सोशल साइटों की लोकप्रियता और इनके प्रयोग में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं देखी जा सकती.
खैर, यह बात तो हम सभी जानते हैं कि इन साइटों पर घंटे बिताने वाले लोग अपनी वास्तविक दुनियां से बहुत दूर हो जाते हैं लेकिन एक नए अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि वे लोग जो इन साइटों के माध्यम से ज्यादा दोस्त बनाते हैं उनके निजी विशेषकर प्रेम संबंधों को नकारात्मक प्रभावों से जूझना पड़ता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि जब सोशल मीडिया और सोशल लाइफ आपस में टकराते हैं तो इससे नुकसान केवल सोशल लाइफ को ही होता है. इससे संबंधों में जलन और मनमुटाव बहुत अधिक बढ़ जाते हैं.
जरा सोचिए जिस व्यक्ति के साथ आप डेट कर रहे हैं या आप विवाह करने वाले हैं या कर चुके हैं, उसकी ऑनलाइन फ्रेंडलिस्ट में विपरीत लिंग के दोस्तों की संख्या अधिक हुई तो इससे उनके प्रति आपकी विचारधारा बिल्कुल विपरीत हो जाएगी.
फॉक्स न्यूज में संप्रेषित इस रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सीय मनोवैज्ञानिक डॉ. स्कॉट बी का कहना है कि ऐसे हालात संबंधों में अजीब तरह के तनाव विकसित करते हैं. आपको एक ऐसे प्रतिस्पर्धा को जीतना होता है जिसके विषय में आपने ना कभी सोचा था और ना ही जिसके लिए आप कभी खुद को तैयार कर सकते हैं.
इस सर्वेक्षण के अनुसार दो तरीकों द्वारा सोशल मीडिया संबंधों को प्रभावित करती है. सबसे पहले अगर आप अपनी प्रोफाइल में जरूरत से ज्यादा जानकारी डालते हैं, दूसरा जब आपके प्रेमी या जीवनसाथी के विपरीत लिंग के दोस्त उन्हें तस्वीरों और वीडियो में टैग करते हैं और तीसरा जब आप अजनबियों को अपनी फ्रेंडलिस्ट में जगह देने लगते हैं. इसके अलावा अगर आपका पूर्व प्रेमी या प्रेमिका आपको फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है तो भी आपका संबंध प्रभावित होता है. इससे उन दंपत्तियों के बीच भी मनमुटाव विकसित होता है जो एक-दूसरे से बेहद प्रेम करते हैं.
उपरोक्त अध्ययन के आधार पर जो सबसे महत्वपूर्ण बात सामने आई है वो यह कि पहले अपने निजी संबंध छिपाना और उन्हें अपने अनुसार प्रयोग करना आसान था लेकिन जब से सोशल नेटवर्किंग साइटों का चलन बढ़ा है तब से शायद व्यक्तिगत या निजी मसलों जैसी बातें पूरी तरह निराधार बन गई हैं. इतना ही नहीं अगर इन साइटों पर होने वाली गतिविधियों के कारण दंपत्तियों या प्रेमी जोड़ों के बीच खटास पैदा होती है या दोनों एक-दूसरे से दूर रहने लगते हैं तो इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि वे दोनों एक-दूसरे से प्रेम नहीं करते या फिर उन दोनों में विश्वास की कमी है. बल्कि सच यह है कि जब कोई प्रेम करता है तो वह हर समय बस यही चाहता है कि आपके जीवन में उसके अलावा और कोई व्यक्ति महत्व ना रखे. लेकिन जब आप अपनी अपरिपक्वता के चलते उन्हें महत्व देना भूल जाते हैं या उन्हें अपने दोस्तों से कम समय देते हैं तो उनका परेशान होना और जलन रखना स्वाभाविक ही है.
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