Menu
blogid : 313 postid : 2815

बात करने से ही हल होती हैं परेशानियां !!

फिल्मों में या फिर अन्य किसी काल्पनिक प्रेम कहानियों में आपने ऐसे प्रेमी जोड़े जरूर देखे या सुने होंगे जो बिना कुछ कहे और सुने एक-दूसरे के दर्द और तकलीफों को भांप जाते हैं. उन दोनों के बीच आपसी समझ और भावनाएं इतनी अधिक विकसित हो जाती हैं कि उनके लिए शब्दों का महत्व लगभग समाप्त ही हो जाता है.


depressed coipleलेकिन अगर आप भी अपने प्रेमी से ऐसी ही अपेक्षाएं रखते हैं और चाहते हैं कि बिना आपके कुछ भी कहे वह आपकी बात समझ जाएं तो हो सकता है आपको यह सब बहुत रोमांटिक और भावुक लगता हो लेकिन कभी-कभार भावनात्मक संबंधों में भी व्यवहारिक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देना सकारात्मक सिद्ध होता है.


प्रेम संबंध में थोड़े बहुत उतार-चढ़ाव आना आम बात है. प्राय: देखा जाता है कि वे प्रेमी- प्रेमिका जो हर परिस्थितियों और परेशानियों में एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं, उनका संबंध बेहद मजबूत और स्थिर रहता है. लेकिन अगर आप अपने साथी से अपनी परेशानी शेयर नहीं करेंगे तो आपका यह मजबूत संबंध कमजोर होकर कब टूट जाएगा आप स्वयं इस बात को समझ नहीं पाएंगे.


संबंध की शुरूआत में आंखों-आंखों में एक-दूसरे से बात करना भले ही काम कर जाए लेकिन जैसे-जैसे आपके संबंध को स्थिर बनाए रखने के लिए व्यवहारिकता की मांग बढ़ते रहेगी रहेगी, वैसे-वैसे आपको और समझदारी तथा संजीदगी से काम लेना पड़ेगा.

क्यों कुछ पुरुष महिलाओं की तरह व्यवहार करते हैं


अगर आपका संबंध शांत और निरस बन गया है तो निश्चित रूप से यह आने वाली परेशानियों की ओर इशारा कर रहा है. यह ना सिर्फ आपके संबंध के लिए नुकसानदेह है बल्कि आपकी सेहत के ऊपर भी इसका नकारात्मक प्रभाव ही पड़ता है. ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो अपने जीवन साथी की परवाह नहीं करते लेकिन अगर आप उनके प्रति अपनी भावनाओं का प्रदर्शन नहीं करेंगे तो वह कभी भी उनके प्रति आपके विचारों और गंभीरता को समझ नहीं पाएंगे.


विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी संबंध को सफल बनाने के लिए पांच ‘सी’, कम्यूनिकेशन, कमिटमेंट, कॉंप्लिमेंट, केयर, कंसर्न की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहती है. वे प्रेमी जोड़े जो एक-दूसरे से बात करते हैं, अपनी सभी परेशानियों या मतभेदों को आराम से बात कर सुलझाने में विश्वास रखते हैं, वे वास्तविक रूप में एक खुशहाल संबंध का निर्वाह करते हैं. आपसी सहयोग और समझ के साथ-साथ एक-दूसरे के साथ व्यवहार करने और स्वभाव को समझने का प्रयास सकारात्मक परिणाम देता है.


भले ही विवाह को हमारे समाज में एक धार्मिक संस्था का दर्जा दिया जाता हो लेकिन इसका मौलिक आशय तो उन दो लोगों की भावनाओं से ही हैं जो इसका निर्वाह कर रहे हैं. अपने इस संबंध को सहजता से चलाने के लिए बेहद जरूरी है कि आप अपनी परेशानियों को एक-दूसरे के साथ बांटें. भले ही मसला कितना ही विवादित क्यों ना हो, अगर आप अपने जीवन साथी पर विश्वास कर उसे शेयर करेंगे तो जो हल आप अकेले नहीं निकाल सकते वह मिल कर विचार करने से जरूर सुलझ जाएगा.


मां और बच्चे की जान को जोखिम है सामान्य प्रसव

Read Hindi News


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh