मोहित और राकेश बचपन के दोस्त हैं, साथ-साथ कॉलेज भी गए. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान दोनों ही रिया को पसंद करने लगे. लेकिन रिया मोहित को पसंद करती थी. बेस्ट-फ्रेंड होने के बावजूद राकेश उन दोनों के संबंध को सहन नहीं कर पा रहा था. उसने दोनों के बीच गलतफहमियां पैदा करना शुरू कर दिया. आखिरकार वह किसी तरह मोहित और रिया के संबंध को तोड़ने में कामयाब रहा. लेकिन अब उसे अपनी गलती पर बेहद पछतावा हो रहा है, राकेश अपने बेस्ट-फ्रेंड को खोना नहीं चाहता. उसे समझ नहीं आ रहा कि वह कैसे अपने बेस्ट-फ्रेंड से अपनी गलती की माफी मांगे.
भूल जाइए अपने मिस्टर पर्फेक्ट को…!!
अंग्रेजी में एक कहावत है टू एरर इज ह्यूमैन अर्थात गलती इंसान से ही होती है. मनुष्य की फितरत ही कुछ ऐसी है कि वह गलतियां करने के बाद ही सीखता है. लेकिन कभी-कभार उससे कुछ ऐसी गलतियां हो जाती हैं जिन्हें सुधार पाना बेहद कठिन या फिर नामुमकिन सा होता है. आप ना चाहते हुए भी अपने करीबी लोगों को कोई दुख पहुंचा जाते हैं. देर में ही सही लेकिन जब आपको अपनी गलती का अहसास होता है तो आप खुद को बेहद असहाय समझने लगते हैं.
अगर आप से भी कोई ऐसी ही गलती हो गई है, जो आपको अंदर ही अंदर परेशान कर रही है लेकिन आप यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उसे सार्वजनिक रूप से कैसे स्वीकार किया जाए तो हाल ही में लॉंच हुई एक वेबसाइट आपकी थोड़ी मदद कर सकती है.
clearmyguilt.com नाम की यह वेबसाइट ऐसे लोगों को मानसिक तनाव से छुटकारा दिलवाने के लिए बनाई गई है जो अपनी गलती का बोझ सहन कर पाने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं. इस वेबसाइट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि बिना अपनी पहचान जाहिर किए आप दूसरे व्यक्ति से अपनी गलती के लिए माफी मांग सकते हैं. आपका यह कनफेशन आपकी पहचान को पूरी तरह छिपा कर रखेगा.
जिस प्रकार फेसबुक पर लाइक और कमेंट का ऑप्शन होता है, उसी प्रकार Clearmyguilt.com में उपयोगकर्ता आपकी गलती को फॉरगिवेबल (माफी योग्य) और अनफॉरगिवेबल (अक्षम्य) के तौर पर रेट कर सकते हैं. ऐसे में अगर आपकी गलती को ‘फॉरगिवेबल’ का टैग मिल जाता है, तो आप आसानी से अपने गिल्ट से बाहर आ सकते हैं.
इस साइट को अरिजोना यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने बनाया है. उनका कहना है कि लोग अपनी बात कहते समय पूरी तरह से ईमानदार रहें इसलिए यहां आइडेंटिटी डालना जरूरी नहीं किया गया है.
आज तकनीक प्रधान युग में जब संबंध और भावनाएं आधुनिक उपकरणों के सहारे ही निभाए जा रही हैं तो उसमें गलती की माफी मांगने के लिए भी कंप्यूटर और इंटरनेट पर निर्भर होना कोई हैरानी पैदा नहीं करता. लेकिन इस वेबसाइट पर अपना कनफेशन करने से पहले हमें एक बार यह अवश्य सोच लेना चाहिए कि क्या नेट पर अपनी गलती स्वीकार करने से हम वास्तविक रूप में उस गिल्ट से बाहर आ सकते हैं? क्या सच में आप यह मानते हैं कि आपकी बड़ी से बड़ी गलती सिर्फ इसीलिए माफ कर दी जानी चाहिए क्योंकि आपने एक वेबसाइट पर, बिना अपना नाम डाले अपनी गलती की माफी मांग ली है?
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