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क्या हम अपनी कड़वी यादों को भुला सकते हैं?

यह मानव जीवन का स्वभाव ही कहेंगे जहां वह अपने जीवन को और बेहतर बनाने के लिए अतीत में हुई यादगार और सुहावने घटनाक्रम को याद करता है. जब कभी उसे निराशा, तनाव या फिर कोई घटना उसे सताती है तो वह पीछे घटे सुनहरे घटनाक्रम को याद कर सब कुछ भूल जाना चाहता है. अतीत में घटी अच्छी घटना उसके लिए टॉनिक का काम करती है वह इसी टॉनिक की सहायता से जीवन की सभी बड़ी मुश्किलों को आसानी से पार कर जाता है.


लेकिन दूसरी तरफ यही अतीत की घटना कभी-कभार उन इंसानों के लिए अभिशाप बन जाती है जिन्होंने कई दर्द के घूंट पिए हैं. यह उनके मस्तिष्क को इस तरह से जकड़ लेती है मानो यह अतीत की घटना उनके जन्म से ही उसके साथ है. व्यक्ति लाख कोशिश करता है कि यह कड़वी यादें उसके दिलों-दिमाग से पूरी तरह से हट जाएं लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाता.


लेकिन अब इस तरह की घटनाओं से छुटकारा पाया जा सकता है. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो अतीत के दर्द और कड़वी यादों को भुलाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं वह अभ्‍यास के जरिए इन बुरी यादों को दूर भगा सकते हैं.


स्कॉटलैंड में ‘यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट एंड्रयूज’ के एक दल के शोध के अनुसार लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि अतीत में उनके साथ जो दर्दनाक घटना घटी है उसकी वजह क्या थी. ऐसे में उन सभी बातों को भुलाने के लिए कुछ ऐसा अभ्‍यास किया जा सकता है जिससे सफलता की उम्मीद की जा सकती है.


शोध का नेतृत्व करने वाली डॉक्टर साइमा नूरीन ने कहा कि भावनात्मक घटनाक्रमों को याद करने और उनका विश्लेषण करने की क्षमता लोगों में इसकी बुनियाद कायम करती है कि वे किस तरह के व्यक्ति हैं और कैसे अपनी बुरी यादों को भुला सकते हैं.


ऐसे कई सारे केस हैं जहां व्यक्ति इस तरह की यादों को न याद करते हुए भी याद करते हैं. उस समय इस तरह की कड़वी यादों से छुटकारा पाने के लिए न तो दवा काम आती आती है और न ही दुआ. ऐसे में यह अभ्‍यास उन व्यक्तियों के लिए वरदान साबित हो सकता है.


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