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फैमिली डिनर के भी हैं फायदे अनेक

एक दौर था जब घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर रात का खाना खाते थे. दिनभर की व्यस्तता के बाद रात का उनका समय सिर्फ परिवार के लिए ही होता था. लेकिन बाकी सब चीजों के साथ परिवारजनों के एक साथ भोजन करने की व्यवस्था पर भी विराम ही लग गया है. अब परिवार के कार्यशील सदस्यों के काम करने के समय और घंटों में बहुत बड़ा अंतर देखा जाता है. युवाओं को बाहर का खाना बहुत पसंद होता है इसीलिए आमतौर पर कार्य स्थल से घर लौटते समय वह कुछ ना कुछ खाकर ही लौटते हैं. वहीं दूसरी ओर परिवार के बड़े घर में बना खाना ही पसंद करते हैं. इसीलिए साथ मिलकर खाने जैसे हालात बहुत से परिवारों में बन ही नहीं पाते. ग्रामीण इलाकों में तो फिर भी परिस्थितियां अत्याधिक परिवर्तित नहीं हुई हैं लेकिन शहरी क्षेत्र तो काफी बदल गए हैं.


familyलेकिन अब शायद वह पुराना और गुजरा जमाना फिर एक बार भारतीय परिवारों में दस्तक देने वाला है और आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसका कारण भी बाहर का बना खाना ही है.


यह बात तो हम सभी जानते हैं कि आजकल फिट रहना सभी की प्राथमिकताओं में प्रमुख तरीके से शामिल हो गया है. ऐसे में बाहर का खाना उनके लिए सिर्फ नुकसानदेह ही साबित हो सकता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह कहा गया है कि अगर आप लंबी आयु तक स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको परिवार के साथ बैठकर ही भोजन करना चाहिए. निश्चित तौर पर दिन के समय तो यह मुमकिन नहीं हो पाता इसीलिए रात का खाना परिवार के साथ ही खाना चाहिए.


रटगर्स विश्वविद्यालय (अमेरिका) द्वारा संपन्न हुए इस अध्ययन के अनुसार शहरी क्षेत्र के लोग अपनी आय का लगभग 20 प्रतिशत भाग बाहर खाना खाने पर खर्च कर देते हैं. पहले भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह कहते आए हैं कि बाहर के खाने और घर में बने खाने में डाले गए पदार्थों की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण अंतर होता है. होटल के खाने में अधिक वसा, नमक और कैलोरी होती है. अब इस अनुसंधान द्वारा भी यह प्रमाणित किया गया है कि वे लोग जो परिवार के साथ खानपान करने से बचते हैं उनके शारीरिक स्वास्थ्य में गिरावट आ जाती है और उनकी सेहत दिनों-दिन खराब होती रहती है.


घर का माहौल और खाने को केन्द्र में रखते हुए वैज्ञानिकों ने 68 अध्ययनों की समीक्षा की है. इस दौरान उन्होंने पाया कि परिवार के लोगों का एकसाथ भोजन करन उनके पारस्परिक संबंधों को तो मजबूती प्रदान करता ही है साथ ही यह आपके स्वास्थ्य को भी बरकरार रखता है. वैज्ञानिकों ने पाया कि जब व्यक्ति अपने परिवार के साथ भोजन करता है तो वह फल,  सब्जियां, फाइबर, कैल्शियम, विटामिन से परिपूर्ण भोजन करता है जो शारीरिक मजबूती और अंदरूनी स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है. इतना ही नहीं इस शोध के पश्चात यह भी स्थापित किया गया है कि परिवार के साथ भोजन करने से बच्चों को खान-पान संबंधी अच्छी आदतें सिखाने में मदद मिलती है और परिवार के आपसी मसलों में भी उनकी भागीदारी बढ़ती है.


अब इस अध्ययन को भारतीय परिवेश के अनुसार देखा जाए तो शायद ही कोई परिवार ऐसा हो जिनका डिनर करने का समय निश्चित हो. कोई रात को देर से खाना खाता है तो किसी को जल्दी भूख लग जाती है. ऐसे में साथ बैठकर खाना मुश्किल ही हो जाता है. जो लोग अपने परिवारों में ऐसे ही व्यवस्था को स्वीकार किए हुए हैं उन्हें यह समझना चाहिए कि पारिवार के साथ भोजन करने में जो सुख है वह ना तो बाहर कहीं मिल सकता है और ना ही अकेले खाने में. इसीलिए कोशिश परिवार के साथ बैठकर भोजन करने की ही होनी चाहिए.


अब जब आप परिवार के साथ भोजन करने बैठ ही गए हैं तो टी.वी. को बंद कर दीजिए. जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एजुकेशन एंड बिहेवियर की रिपोर्ट के अनुसार जिन परिवारों में भोजन करते समय टी.वी. देखा जाता है उन परिवारों के लड़के खाने में कम सब्जियां लेते हैं जबकि कोल्ड ड्रिंक ज्यादा ग्रहण करते हैं. वहीं दूसरी ओर लड़कियां अधिक तला हुआ खाना खा जाती हैं. अब ऐसे में यह बात तो प्रमाणित हो ही गई कि टी.वी. देखते हुए आप अधिक खाना खाते हैं लेकिन इसका दूसरा नकारात्मक पक्ष यह भी है कि आप परिवार के साथ बातें करने का समय भी गंवा देते हैं.


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