मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित नेहा के अभिभावक उसके लिए एक ऐसे जीवन साथी की तलाश कर रहे हैं जो भले ही देखने में कैसा भी हो लेकिन आर्थिक रूप से मजबूत हो. बेटी के विवाह से जुड़ी अपनी इन अपेक्षाओं के आगे उनके लिए उम्र का अंतर भी कोई खास मायने नहीं रखता. वह बस यह चाहते हैं कि उनकी बेटी का जीवनसाथी धनवान हो.
यह तो रही अभिभावकों की बात लेकिन देखने में बेहद आकर्षक नीरू भी एक ऐसे जीवन साथी की तलाश कर रही है जिसके पास भरपूर धन-दौलत हो. जो उसे महंगी से महंगी चीज खरीदने के लिए कभी मना ना करे. वह एक ऐसे व्यक्ति के साथ विवाह करना चाहती है जिसके पास बड़ी गाड़ियां और धन संपदा का भण्डार हो.
अगर आप भी अपने लिए या अपनी बेटी के लिए एक अमीर और रसूख वाले साथी की तलाश कर रहे हैं तो यह लेख आपके बहुत काम का सिद्ध हो सकता है. चीन की रहने वाली एक 42 वर्षीय महिला, जिन्होंने एक अरबपति पुरुष के साथ विवाह किया है, ने अमीर पुरुषों को रिझाने के लिए कोचिंग क्लासेस खोली है. यह कक्षाएं हर उस महिला के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं जो एक अमीर पुरुष को अपना जीवनसाथी बनाना चाहती हैं. उनकी कक्षा में अब तक 12 महिला विद्यार्थी पढ़ती हैं. उनकी कक्षा की फीस 10,000 युआन है. सू फेई नाम की इस महिला ने अपनी छात्राओं को यह भी आश्वासन दिया है कि इस कोर्स के दौरान उन्हें अमीर पुरुषों से मिलने का अवसर भी दिया जाएगा.
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शेंजेन और गुआडॉंग जैसे जिलों में सफलतापूर्वक अपनी कक्षाओं को चलाने के पश्चात सू ने चेंगड़ू में अपनी क्लासेस शुरू की है. अब तक वह 100 से अधिक महिलाओं को यह टिप्स दे चुकी हैं कि एक अमीर पुरुष को अपने प्रति कैसे आकर्षित किया जा सकता है. अपनी कक्षाओं में सू छात्राओं को अमीर व्यक्ति के साथ डेटिंग और उनसे गिफ्ट लेने की कला भी सिखाती हैं.
फिल्मों में तो आपसे अकसर देखा होगा लेकिन सू वास्तविक जीवन में अपनी छात्राओं को यह सिखाती हैं कि जिस अमीर व्यक्ति को आप रिझाना चाहती हैं उसका पीछा करें, वह जहां जाता है आप भी वहां जाना शुरू करें. ऐसा दिखाने की कोशिश करें कि आपकी पसंद और उनकी पसंद समान है, आदि. सू का कहना है कि संबंध की शुरुआत में महिलाओं को कभी भी महंगे गिफ्ट्स नहीं लेने चाहिए और ना ही किसी महंगे होटल में जाकर खाना ऑर्डर करना चाहिए. अगर आप पिछले दो साल से किसी अमीर व्यक्ति को डेट कर रही हैं और वह विवाह की बात नहीं कर रहा तो समझ लीजिए कि वह आगे भी आपसे विवाह नहीं करने वाला.
उपरोक्त अध्ययन को अगर हम भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखें तो भौतिकवाद की प्रधानता और बदलती प्राथमिकताओं का सीधा प्रभाव मानव जीवन के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण माने जाने वाले उसके आपसी संबंधों पर हुआ है. वर्तमान परिस्थितियों पर नजर डालें तो आज किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी भावनाओं का उतना मोल नहीं रह गया है जितना कुछ समय पहले तक हुआ करता था. आज संबंधों का स्थान पर पैसे और रुतबे ने ले लिया है. यही वजह है कि आज विवाह रूपी संबंध भी पैसे की बलि चढ़ने लगे हैं. महिलाओं को हम प्रकृति की सबसे भावुक रचना मानते हैं लेकिन इन बदलते हालातों के नकारात्मक प्रभावों से महिलाएं भी खुद को बचा नहीं पाई हैं. आज वह अपने जीवन साथी का चुनाव करते समय भावनाओं पर नहीं बल्कि संबंधित व्यक्ति के बैंक बैलेंस और सामाजिक रुतबे पर ध्यान देती हैं.
निश्चित तौर पर आज के समय में पैसा व्यक्ति की जरूरत बन गया है लेकिन पैसे के लिए अपनी भावनाओं को दरकिनार किया जाना चाहिए या नहीं यह तो शायद व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और अपेक्षाओं पर ही निर्भर करता है.
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