क्या सच में शादी इतना दुख देती है कि शादी करने वाले बहुत से व्यक्ति यह सलाह देते हैं कि शादी करना दुनिया की सबसे बड़ी गलती है और इसे जीवन में करने से बचना चाहिए’. अपने आप को तमाम बंधनों से दूर रखने के लिए आज व्यक्ति शादी जैसे रिश्ते से दूर रहना चाहता है.
शादी करके फंस गया, अच्छा-खासा था कुंवारा
आज दौड़ती-भागती जिन्दगी में व्यक्ति जिम्मेदारी निभाने से डरता है इसलिए वह शादी से दूर भागता है. ब्रिटेन में किए गए सर्वे की रिपोर्ट यह कहती है कि आज लोग शादी जैसे रिश्ते से नहीं जुड़ना चाहते हैं. 4000 ब्रिटिश दंपत्ति जोड़ों में यह सर्वे किया गया जिनमें से 26 प्रतिशत ने सीधे स्तर पर कहा कि शादी करके उन्होंने सबसे बड़ी गलती की है. 19 प्रतिशत ने कहा कि कभी-कभी लगता है कि शायद शादी ना कि होती तो आज जीवन में ज्यादा खुशी होती और उनमें 6 प्रतिशत लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि शादी करना गलती नहीं है पर शायद उन्होंने गलत व्यक्ति से शादी की है.
शादी करके अफसोस क्यों ?
आज के समय को देखकर यह समझ पाना बहुत मुश्किल है कि शादी करके व्यक्ति दुखी है या जिम्मेदारियों से दुखी हैं. आज ज्यादातर व्यक्तियों को आजादी चाहिए चाहे आजादी की कीमत कुछ भी क्यों न हो. कई लोग कहते हैं कि “बचपन में माता-पिता का हर बात पर जवाब मांगना या रोका-टोकी करना हमें पसंद नहीं आता था और वो ही आदत हमने उमर भर अपनानी चाही पर शायद शादी करके ऐसा लगने लगा कि अब आजाद रहने की आदत छोड़नी पड़ेगी जो हुआ नहीं तो शादी को छोड़ना जरूरी समझा.”
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खट्टा-मीठा रिश्ता है
शादी का रिश्ता खट्टा-मीठाहोता है. भारत जैसे समाज में जहां विदेशी सोच धीरे-धीरे प्रवेश करने लगी है फिर भी शादी जैसे रिश्तों को अहमियत दी जाती है. शादी सच में एक जिम्मेदारी तो है पर साथ ही वो रिश्ता भी है जो जीवन भर आपका साथ देता है. किसी ने सच ही कहा है कि शादी वो रिश्ता है जिसमें खट्टी-मीठी बातें ही रिश्ते को मजबूत बनाती हैं.
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