खुशियों का खजाना है शिक्षा के पास
‘खुश रहना जरूरी है’ यह तो बचपन में ही सिखाया जाता है पर खुशी तक पहुंचने का रास्ता क्या है, शायद यह नहीं बताया जाता है. ऐसा ही हाल शिक्षा का है. शिक्षा जरूरी है यह बताया जाता है पर क्यों जरूरी है यह नहीं बताया जाता है. खुशी और शिक्षा के बीच आपसी संबंध के बारे में किये गये एक नये अध्ययन में कहा गया है कि शिक्षा आपको भले ही अमीर नहीं बना पाये, लेकिन ये आपको खुशी देती है.
ब्रिटेन के ‘ऑफिस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स’ (ओएनएस) द्वारा किये गये अध्ययन में पाया गया कि लोगों की सामान्य शिक्षा का स्तर जितना ज्यादा होता है, वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी से उतने ही ज्यादा संतुष्ट होते हैं.
इस सर्वेक्षण में 15 हजार से अधिक लोगों से पूछा गया कि वे अपने जीवन को कितना सार्थक मानते हैं, इसको लेकर शून्य से 10 तक अंक दें. ‘ए लेवल’ या इसी स्तर की शिक्षा वाले करीब 81 प्रतिशत लोग बहुत संतुष्ट थे, यानि उन्होंने अपनी खुशी को सात या इससे अधिक अंक दिये.
‘डेली टेलीग्राफ’ की खबर के अनुसार, इसके बाद के शिक्षा समूह वाले 74 प्रतिशत लोगों ने खुद को संतुष्ट बताया. सर्वेक्षण में पाया गया कि कोई शिक्षा हासिल करने वाले केवल 64 प्रतिशत लोग बहुत संतुष्ट की श्रेणी में पाये गये.
इसी तरह, जब लोगों से पूछा गया कि वे अपने जीवन को कितना सार्थक मानते हैं, उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले करीब 85 प्रतिशत लोगों ने, जबकि कोई शिक्षा हासिल नहीं करने वाले केवल 62 प्रतिशत लोगों ने अपने जीवन को सार्थक बताया.
Read: बदलते जमाने ने बदली महिलाओं की इच्छा !
खुशी का खजाना आपके ही पास है
खुशी पाने के लिए हम कहां-कहां नहीं भटकते हैं मगर हमें यह नहीं पता होता है कि जिसे पाने के लिए हम इधर-उधर भटक रहे हैं वो खुशी हमारे पास में ही है. “हमारे घर के किसी ना किसी कोने में किताबें जरूर होंगी जो धूल चाट रही होंगी, अगर हमें पता होता कि किताबें खुशी दे सकती हैं तो उस खजाने को बहुत पहले ही खोल लिया होता.” शिक्षा सच में एक तिजोरी होती है जिसके पिटारे में खुशियों का खजाना होता है. तो कैसी देरी? कैसी दूरी? इस खजाने से, खूब पढ़ें ताकि खुशियां आपसे दूर ना रह सकें.
Read Comments