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दिमाग ने भी ना ‘हद’ कर दी

दिल और दिमाग भला कब एक जैसे सोचते हैं. दिल तो हजारों फैसले लेता है पर दिमाग भला उसकी चलने कब देता है. आज यही हो रहा है कि लोग सोचते कुछ हैं और करते कुछ हैं. कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि यह दिल और दिमाग की बातें समझ से बाहर हैं. हां, किसी ने सच ही कहा है कि दिल की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है ना दिमाग को ज्यादा फैसले लेने का हक दिया जा सकता है. पर दिमाग कई ऐसे काम कर सकता है जो शायद दिल के बस में नहीं है.


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mind2किसी के मन की बात जाननी है क्या आपको?

हैरानी की बात है ना कि हम किसी के मन की बात जान सकते हैं. सोचिए जरा अगर आपके सामने कोई व्यक्ति खड़ा है और वो आपके बारे में क्या सोच रहा है, अगर यह आपको पता चल जाए तो यह कितना मजेदार होगा ना. कुछ ऐसा ही काम हमारा मस्तिष्क करता है. जापान के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि आखिर हम दूसरों के मन की बात कैसे जान लेते हैं. मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग और मैथेमेटिकल मॉडल्स की मदद से उन्होंने साबित किया है कि मस्तिष्क के आगे के हिस्से के दो संकेतों की मदद से हम किस तरह दूसरों के विचारों को पढ़ पाते हैं. ‘रिवॉर्ड सिग्नल’ से पता चलता है कि दूसरे व्यक्ति के साथ हमारी बातचीत का क्या स्तर है जबकि ‘एक्शन सिग्नल’ से पता चलता है कि इसमें दूसरे व्यक्ति की क्या भूमिका है. तो अब किसी को देखकर उसके मन की बातें जानने का मन करे तो बस अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल करना शुरू कर दीजिए.



प्यारे-प्यारे सपने

सपने देखने पर बचपन से लेकर बड़े होने तक सिर्फ आपको आज तक डांट ही पड़ी होगी पर अब और नहीं………पर्सपेक्टिव ऑन साइकोलॉजिकल साइंस  के जुलाई के अंक में प्रकाशित एक लेख तो यही कहता है. इसके मुताबिक, जागते हुए सपने देखने से दिमाग का ‘डिफॉल्ट मोड’  नेटवर्क सक्रिय हो जाता है. हालांकि  कुछ लोग इसे समय की बरबादी मान सकते हैं लेकिन अपने पिछले अनुभवों से सीख लेने के लिए और भविष्य के निर्णयों में उनका महत्व समझने के लिए अपने भीतर झांकना भी जरूरी है. तो अब सपने देखने पर भी रोक नहीं, चाहे जागते हुए सपने देखिए या सोते हुए पर सपने जरूर देखिए.



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दिमाग तेज करना है तो व्यायाम करें

जिम जाने वालों के लिए एक अच्छी खबर है. कसरत  करने से न केवल आपका मूड अच्छा होता है बल्कि इससे निम्नलिखित अन्य फायदे भी होते हैं:



  • दिमाग की कोशिकाओं को दुरुस्त रखने वाले न्यूरोकेमिकल का प्रोडक्शन बढ़ता है.
  • निर्णय लेने की क्षमता में इजाफा होता है.
  • एकाग्रता की क्षमता और अवधि बढ़ती है.
  • नर्व और रक्त वाहिकाएं सक्रिय होती हैं.
  • एक साथ ढेर सारे काम करने की क्षमता बढ़ती है.
  • स्मरण शक्ति बेहतर होती है.

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