दिल टूटा पर कुछ दिन का गम और फिर जिंदगी जीने का जज्बा, छोटी सी चोट पर चेहरे पर वही खिलखिलाती मुस्कान, नंबर कम आए तो क्या हुआ अगली बार और मेहनत कर लेंगे, अच्छी जॉब नहीं है पर फिर भी खुद से संतुष्ट हूं, पति और बच्चों ने नहीं समझा तो मैं एक बार और कोशिश करूंगी.
दिल टूटा तो क्या हुआ, खुश तो हर हाल में रहना है
क्या कभी आपने सोचा है जीवन में कई कठिनाइयां और दुखों से जूझने के बाद भी महिलाएं कैसे खुद को संतुष्ट और खुशहाल रख पाती हैं. जबकि पुरुष अपने आपको संभाल पाने में हमेशा असफल ही क्यों साबित होते हैं? अगर नहीं जानते तो हम आपको बताते हैं. अमेरिका स्थित दक्षिणी फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने एक शोध में यह प्रमाणित किया है कि महिलाओं के शरीर में विशेष प्रकार का जीन होता है जो उन्हें पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक खुश रखता है.
डेली मेल में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के बाद यह स्थापित किया है कि महिलाओं के ज्यादा खुश रहने का कारण उनके मस्तिष्क में कुछ निश्चित जीनों की उपस्थिति है.
वैज्ञानिकों के अनुसार एमएओए नाम का यह जीन मस्तिष्क में मौजूद उन रसायनों को प्रभावित करता है जो खुश रखने में सहायक होते हैं. इतना ही नहीं यह जीन महिलाओं और पुरुषों के बदलते मूड और उनके गुस्से के स्तर को भी प्रभावित करता है.
इस शोध के अंतर्गत 350 वयस्कों का डीएनए टेस्ट कर उनसे यह पूछा गया कि वे कितने खुश हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के शरीर में एमएओए जीन की मात्रा अधिक थी वे लोग ज्यादा खुशहाल रहते हैं और अधिकांशः महिलाओं के शरीर में ही इस जीन की उपस्थिति ज्यादा पाई गई.
लेकिन अगर भारतीय परिदृश्य के अनुरूप इस शोध को देखा जाए तो यह कहना मुश्किल ही है कि महिलाएं ज्यादा खुश रहती हैं या पुरुष क्योंकि अलग-अलग परिस्थितियों में लोग अलग-अलग तरीके से व्यवहार करते हैं. कौन ज्यादा खुश है और कौन कम, इस बात पर एकमत नहीं हुआ जा सकता. किसी के लिए उसका कॅरियर ज्यादा जरूरी है जिसके सफल ना होने पर दुख होता है तो किसी के लिए उसका परिवार. ऐसे में महिला या पुरुष होने के आधार पर उन्हें खुशहाल या दुखी जैसी श्रेणी में विभाजित नहीं किया जा सकता.
Post Your Comment : क्या आपको लगता है महिलाएं, जो स्वभाव से बेहद भावुक होती हैं, कॅरियर में रुकावट, अपने प्रति पति की लापरवाही और बच्चों का उपेक्षित व्यवहार सहन करने के बाद भी खुशहाल जीवन जी सकती हैं? इस शोध पर आपकी क्या राय है हमें जरूर बताएं.
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