हमेशा यही कहा जाता है कि महिलाओं से कभी भी रास्ता नहीं पूछना चाहिए क्योंकि जब भी उनसे कोई रास्ता पूछता है तो वो भटक जाता है. महिलाओं के बारे में अधिकांश लोगों का यही मानना है कि वो कभी भी किसी को सही रास्ते पर नहीं पहुंचा सकती हैं पर अब महिलाओं के बारे में यह धारणा बना लेना गलत है. क्योंकि एक शोध से पता चलता है कि जब बात अनजान व्यक्तियों को रास्ता बताने या समझाने की आती है तो महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कोसों आगे हैं. हालांकि एक पुराना मिथक यह है कि गाड़ी चलाने या नक्शा पढ़ने में महिलाएं हमेशा पीछे रहती हैं. इसके अलावा इस शोध से यह भी पता चलता है कि किसी जगह तक पहुंचने में कितना समय लगेगा यह अनुमान महिलाओं का अधिक सटीक होता है.
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शोधकर्ताओं ने 30 पुरुषों और 30 महिलाओं को लोगों को एक पेट्रोल पम्प स्टेशन का निर्देश देने को कहा और उसके बाद वह अपनी इस शोध के निष्कर्ष तक पहुंचे कि ¼ महिलाओं ने एक दम सही रास्ता बताया, पुरुषों के मुकाबले 3% ज़्यादा सही. जब दोनों से यह पूछा गया कि फलां जगह पहुंचने की कितनी दूरी है तो 2/3 पुरुषों ने गलत जवाब दिया जबकि आधी महिलाओं ने इस सवाल का सही उत्तर दिया. अतः उनका निष्कर्ष यह था किनिर्देश देने में महिलाएं बेहतर होती हैं.
समझ और रास्ता
महिलाओं का ध्यान और समझ तेज होती है जिस कारण वो भटके हुए मुसाफिर को सही रास्ता बता पाती हैं या फिर यह कहें कि महिलाएं बहुत ही आसानी से दूसरों की परेशानियों को समझ लेती हैं और उतनी ही आसानी से उसका हल भी बता देती हैं. आपने अपने घर में भी देखा होगा कि परिवार के हर सदस्य की परेशानी को एक महिला सबसे बेहतर जानती है और परिवार के सभी सदस्यों की जरूरत को भी समझती है. कुछ ऐसा ही तब होता है जब कोई अनजान व्यक्ति रास्ता भटक जाता है और एक महिला बड़ी आसानी से यह समझ लेती है कि भटका हुआ व्यक्ति किस रास्ते की ओर जाना चाह रहा है.
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