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पर ऐसी लड़कियों को अपनाएगा कौन ?

flirtकॉरपोरेट ऑफिस में काम करने वाली सोनाली खुले और हंसमुख स्वभाव की लड़की है. वह सभी से अच्छी तरह बात करती है और अपने साथ काम करने वाले सभी लोगों के साथ उसके अच्छे संबंध हैं. लेकिन कभी-कभार उसका यही हंसमुख स्वभाव उसके लिए ऑफिस में अजीब सा वातावरण बना देता है जब लोग उसे फ्लर्ट समझने लगते हैं. महिला हो या पुरुष वह सभी से अच्छी तरह बात करती है इसीलिए अन्य लोगों को यह लगता है कि वह बिल्कुल विश्वसनीय नहीं है. उसके विषय में यह धारणा बना ली गई है कि वह किसी के भी साथ जुड़कर नहीं रह सकती क्योंकि वह सभी लोगों के साथ समान व्यवहार करती है.

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सोनाली का तो हंसमुख व्यवहार ही उसके लिए परेशानी का सबब बन गया है लेकिन नीतू असल में है ही थोड़ी फ्लर्ट. नीतू कॉलेज के सेकेंड ईयर में पढ़ती है और अपने क्लास के लड़कों के साथ-साथ अपने सीनियर लड़कों के साथ भी खूब फ्लर्ट करती है. लेकिन अब वह एक लड़के को सच में चाहने लगी है तो वह लड़का ही उसका विश्वास नहीं करता. उसे लगता है नीतू कभी किसी एक लड़के के साथ स्थिर नहीं रह सकती.


यह कहानी अकेले सोनाली या फिर नीतू की नहीं है. हमारे आसपास कई ऐसी लड़कियां हैं जो अपने चंचल या फिर फ्लर्ट स्वभाव के कारण या तो बहुत अधिक लोकप्रिय हो जाती हैं या फिर अन्य लोग उन पर विश्वास करना ही बंद कर देते हैं.


हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण पर नजर डालें तो यह बात स्पष्ट रूप से प्रमाणित की गई है कि भले ही महिलाओं के फ्लर्ट स्वभाव से उन्हें ऑफिस या कॉलेज में लोकप्रियता मिलती है, लोग उन्हें पसंद भी कर सकते हैं लेकिन इसी स्वभाव के कारण वह कभी किसी की विश्वासपात्र नहीं बन पातीं या यूं कहें उन पर कोई विश्वास करने का रिस्क ही नहीं लेता.


अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुए इस अध्ययन के अंतर्गत पुरुष एवं महिला एक्टरों को दो स्क्रिप्ट दी गई. एक में उनका अपने बिजनेस कलीग के साथ व्यवहार सामान्य था वहीं दूसरी स्क्रिप्ट के अंतर्गत उन्हें अपने कलीग के साथ फ्लर्ट करना था. जब यह वीडियो अन्य प्रोफेशनल लोगों को दिखाया गया तो वीडियो में वे महिलाएं जो फ्लर्ट कर रही थीं, वह उन्हें झूठी और उपयुक्त नहीं लगी. उनका मानना था कि ऐसी महिलाएं विश्वासपात्र नहीं होतीं. लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि वीडियो में जिन पुरुषों को फ्लर्ट करता दिखाया गया था उन्हें किसी ने भी झूठा या अविश्वसनीय करार नहीं दिया.


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यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से जुड़ी लौरा क्रे के अनुसार जब इस अध्ययन की शुरुआत की गई थी तो हम सभी यही समझकर चल रहे थे कि महिलाओं का फ्लर्ट नेचर उन्हें सफलता दिलवाने में सहायक होता है. लेकिन अध्ययन के नतीजों से हम सभी हैरान हैं क्योंकि इसके अनुसार तो फ्लर्ट महिलाओं को पसंद तो किया जाता है लेकिन जब गंभीर मुद्दे जैसे व्यवसाय की बात आती है तो उन पर विश्वास नहीं होता.


यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा प्रकाशित पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलोजी बुलेटिन के अंतर्गत महिलाओं के फ्लर्ट नेचर को तो निगेटिव करार दिया गया है लेकिन पूरे अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने कहीं भी यह बात नहीं महसूस की कि पुरुषों का फ्लर्ट करना भी व्यवसायिक दृष्टि से नकारात्मक कहा जा सकता है.


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उपरोक्त अध्ययन के नतीजों को अगर भारतीय परिदृश्य के अनुसार देखें तो भारतीय समाज में महिलाओं और पुरुषों के संबंध में जो अंतर है वह इस मसले पर भी साफ नजर आता है. महिलाएं अगर फ्लर्ट व्यवहार करें तो निश्चित तौर पर लोग उन्हें चरित्रवान और विश्वासपात्र नहीं मानते. वहीं दूसरी ओर पुरुषों का फ्लर्ट करना उनके चंचल और मिलनसार व्यक्तित्व की निशानी माना जाता है. भारतीय महिलाओं को हमेशा कम बोलने और न्यूनतम लोगों से बात करने की छूट दी जाती है लेकिन अगर कोई पुरुष ऐसा करता है तो उसे ढीला और किसी के साथ घुलने-मिलने वाला ही नहीं माना जाता है. यह उसके चरित्र का एक नकारात्मक पक्ष करार दे दिया जाता है. वहीं कॉलेज हो या ऑफिस या फिर कोई पारिवारिक जगह, फ्लर्ट और हंसी-मजाक करने वाले लड़के को सभी जगह पसंद किया जाने का अजीब सा चलन हमारे समाज में विद्यमान है. खैर इस अध्ययन के बाद इस मसले पर केवल भारतीय समाज पर ही दोषारोपण करना सही नहीं होगा क्योंकि यह अंतर तो अत्याधुनिक अमेरिका में भी विद्यमान है.

Tags: flirt in office, office colleagues, love affairs in offices, ऑफिस, फ्लर्ट, रोमांटिक संबंध, male and female colleagues, office responsibilities, trust and love

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