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ना घर पर मन लगता है और ना ऑफिस में काम होता है

आजकल लगभग सभी महिलाएं प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बीच झूल रही हैं. ऑफिस का काम उन्हें घर पर फोकस नहीं करने देता और घर का काम उन्हें ऑफिस में परेशान करता है. बच्चों का होमवर्क और पति के साथ मतभेदों की वजह से उनका ध्यान ना काम पर टिकता है और ना ही वह अपना 100% बच्चों को दे पाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप वह अंदर ही अंदर एक ऐसे गिल्ट से जूझने लगती हैं जिसका कोई विकल्प उनके पास नहीं है. अगर आप भी ऐसे ही किसी गिल्ट से जूझ रही हैं और अपने काम और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच सामंजस्य नहीं बैठा पा रही हैं तो निम्नलिखित सुझाव आपकी थोड़ी मदद कर सकते हैं.


1. घर का काम घर पर: महिलाओं की बड़ी अजीब आदत होती है कि, वह कभी एक जगह पर एक काम नहीं कर सकतीं. उनका दिमाग अलग-अलग स्थानों पर दौड़ता रहता है और इसी वजह से वह काफी परेशान रहती हैं. इसीलिए सबसे पहले तो आपको एक चीज का ध्यान रखना चाहिए कि घर का काम घर पर ही निपटा लें और ऑफिस में उस टेंशन को ना लेकर जाएं. इसके अलावा ऑफिस की टेंशन भी घर पर लेकर जाना आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है इसीलिए घर पर आपका सारा ध्यान आपके बच्चों पर होना चाहिए. उन का होमवर्क, उनका काम, उनके साथ समय बिताएं और ऑफिस की कोई परेशानी उनके साथ बिताए जाने वाले उस समय के बीच ना लाएं


2. आखिर ऑफिस ही तो है: ज्यादातर महिलाओं के लिए उनका घर ही उनकी प्राथमिकता होती है. ऐसे में आपको समझना चाहिए कि आपके लिए आपका परिवार ज्यादा जरूरी है. अगर आप ऑफिस के काम के आगे अपनी घरेलू जिम्मेदारियों को नजरअंदाज कर देंगी तो यह पारिवारिक हित के उलट साबित होगा. नैसर्गिक रूप से बच्चे पिता से ज्यादा अपनी मां से अपेक्षाएं रखते हैं. इसीलिए अगर आपके बच्चे भी आपसे समय और दुलार की उम्मीद रखते हैं तो इसमें उनकी कोई गलती नहीं है. हालांकि आजकल की महिलाएं भी पुरुषों की ही तरह महत्वाकांक्षी हैं इसीलिए अब यह बात संबंधित महिला पर ही निर्भर करती है कि वह परिवार को प्राथमिकता देती है या कॅरियर को.


3. वीकेंड का प्लान सिर्फ परिवार के साथ: आपका पूरा सप्ताह काम और किचन के बीच ही समाप्त हो जाता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि अपना वीकेंड तो आप अपने बच्चों के ही साथ बिताएं. उन्हीं के पसंद की चीजें उन्हें बनाकर खिलाएं, अगर पति साथ ना भी हों तो भी आप उन्हें कहीं शॉपिंग या घूमने-फिरने के स्थान पर लेकर जाएं. स्ट्रिक्ट पेरेंट नहीं उनके साथ एक दोस्त की तरह व्यवहार करें.


4. ऑफिस में दें अपना 100%: एक महिला के लिए घर की जिम्मेदारियां उठाना बहुत जरूरी है लेकिन अगर आप एक वर्किंग लेडी हैं तो यह जरूरी हो जाता है कि आप अपने आपको कार्यक्षेत्र में मौजूद प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार रखें. कहीं ना कहीं कोई ना कोई कमी जरूर रह जाती है और यह हर किसी के साथ होता है. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो रहा है तो इसमें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसा सिर्फ महिलाओं के साथ ही नहीं बल्कि पुरुषों के भी साथ होता है.


5. कमी आपमें नहीं आपकी कोशिश में है: यह भले ही एक कड़वा सच हो लेकिन सच तो सच ही है. सच यही है कि आप अगर मौजूदा हालातों के लिए खुद को जिम्मेदार ठहरा रही हैं तो आपको यह समझना होगा कि आपके अंदर कोई कमी नहीं है बल्कि कमी बस आपकी उस कोशिश में है जिसके जरिए आप सब कुछ ठीक करना चाहती हैं. थोड़ा सा इनपुट और डालिए और सब वैसा ही होगा जैसे आप चाहती हैं.



Tags: महिलाओं की समस्या, वर्किंग वुमेन, पारिवारिक महिला, बच्चों का पालन-पोषण, महिला, लड़कियां, working women, how to manage time, how to manage working environment



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