प्रेम में पड़ना बहुत आसान होता है लेकिन जब बात उस प्रेम को विवाह का रूप देने के आती है तो अच्छे अच्छों की सांस फूल जाती है. फिर बस एक ही ख्याल जहन में आता है कि मैंने शादी ही क्यों की!!
शादी के बाद अचानक से किसी अनजान व्यक्ति के साथ रहना, उनके साथ सामंजस्य बैठाना थोड़ा मुश्किल होता ही है. यहां तक कि अगर आप प्रेम विवाह भी कर रहे हैं तब भी प्रेम और विवाह करने में बहुत अधिक अंतर हैं. हालांकि प्रेम विवाह में आप एक दूसरे के स्वभाव से जरूर साथ रहने के बाद जब तालमेल बैठाने और समझौते करने की जरूरत आती है तो कई मुश्किलों का सामना करना ही पड़ता है.
विवाहित व्यक्ति को अपने साथी से किस तरह बात करनी चाहिए, क्या समझौते करने चाहिए और किन-किन बातों को महत्व नहीं देना चाहिए यह बता पाना तो मुश्किल है लेकिन हम आपको ये बताते हैं कि विवाह के बाद आपको अपने साथी से क्या-क्या नहीं कहना चाहिए.
कभी नहीं: यह एक ऐसा शब्द है जो बनी बनाई बात को भी बिगाड़ देता है. अगर आपके और आपने साथी के बीच थोड़ी समस्याएं हैं और उन्हें समझाने के स्थान पर आप यह कहते हैं कि अब हमारे बीच कभी कुछ सामान्य नहीं हो पाएगा, अब कभी पहले जैसी बात नहीं आ पाएगी, चीजें फिर से सही नहीं हो सकतीं, तो मान लीजिए आप अपने पैर पर स्वयं कुल्हाड़ी मार रहे हैं. आपको ऐसे नकारात्मक शब्दों का प्रयोगकभी नहींकरना चाहिए.
हमेशा: अगर आप बात-बात पर अपने साथी को तुम हमेशा ऐसा ही करते हों, तुम मुझे हमेशा निराश करते हों, जैसी बातें यह बयान करती हैं कि आप अपने साथी को हर बार गलत और खुद को सही साबित करने की कोशिश में हैं. जाहिर है यह बातें दो लोगों के आपसी संबंध को प्रभावित करती हैं.
लेकिन: हर बात में लेकिन,क्यों जैसे शब्दों का प्रयोग करना आपसी संबंध की गर्माहट को समाप्त करता है. यह शब्द ऐसा है जैसे आप किसी को अपने अनुसार ढालने का प्रयत्न कर रहे हैं जो आपके संबंध की मजबूती को समाप्त कर देता है. लेकिन तुमने ऐसा क्यों नहीं किया, पर हम यहां भी तो जा सकते हैं आदि वाक्यों का निहियार्थ को तो आप समझ ही गए होंगे.
मुझे तलाक चाहिए: अपने साथी को हर बार तलाक नाम की धमकी देना छोड़ दीजिए. क्या पता आप ब्स धमकी देते हैं और किसी दिन वो सच में ही आपको तलाक देने के लिए सोच बैठे तो?
Web Title: How to manage married life
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