आप प्यार (Love) तो करते हैं लेकिन डरते हैं कि कहीं हमारे माता-पिता या रिश्तेदारों (Relatives) को इस बारे में पता न चल जाए. उसके बिना दिल नहीं लगता, मिलने को दिल तडपता है लेकिन कैसे मिलें अगर दुनिया को पता चल गया तो.
भारतीय संस्कृति (Indian Culture) और पश्चिमी देशों की संस्कृति (Western Culture) में बहुत अंतर है खासकर, प्यार-इश्क, मोहब्बत और शादी (Marriage) के बारे में. हालांकि कुछ समय से हमारे समाज में खुलापन आया है. लड़के और लड़कियों का एक साथ पढ़ने, दोस्ती करने को अब समाज ने भी अपना लिया है, लेकिन जब बात प्यार की होती है तो हम आज भी पीछे हैं. शायद यही कारण है कि लोग आज भी प्यार छुपाते हैं और लड़कियां आज भी अपने बॉयफ्रेंड (Boyfriend) को अपने माता-पिता से मिलाने में हिचकिचाती हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के द्वारा कराए गए एक शोध से भी यह पता चलता है कि माता-पिता को आज भी विपरीत सेक्स की दोस्ती से एतराज़ होता है. कुछ साल पहले छः राज्यों के लगभग 50 हज़ार लोगों पर कराए गए शोध से इस बात का पता चलता है.
इस शोध से यह भी पता चलता है कि बच्चे भी प्यार छुपाते हैं शोध में शामिल 69 प्रतिशत लड़कों का कहना है कि वह अपनी गर्लफ्रेंड को घर ले जाने से डरते हैं. उन्हें डर लगता है कि कहीं उनके माता-पिता नाराज़ न हो जाएं. वहीं लड़कियों में यह आंकड़ा लड़कों से कहीं अधिक है. करीबन 84 प्रतिशत लड़कियां माता-पिता के डर से अपने बॉयफ्रेंड को अपने घर नहीं ले जाती हैं. इस शोध से एक बात और खुलकर आई है कि 84 प्रतिशत लड़कों और 94 प्रतिशत लड़कियों के मां-बाप को लव मैरिज से एतराज़ है.
शोध के आंकड़े साफ़ दिखाते हैं कि भले ही हम प्रगति के मार्ग पर अग्रसर हों लेकिन हमारी मानसिकता में बदलाव नहीं आया है. प्यार के प्रति हमारा रवैया जैसा पहले था वह आज भी है. शायद तभी कहा जाता है कि प्यार करना इतना आसान नहीं होता या प्यार कोई फूलों की सेज नहीं बल्कि बड़े पापड़ बेलने पड़ते हैं इस सफर में.
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