टीन-एज में आते-आते अकसर देखा जाता है लड़के और लड़कियों के स्वभाव में अंतर आने लगता है. पहले जहां दोस्त और परिवार सबसे ज्यादा जरूरी होते थे वहीं अब लड़कों के लिए लड़कियों की अटेंशन और लड़कियों के लिए लड़कों को आकर्षित करना जरूरी हो जाता है. ऐसे में आप यही सोचते होंगे कि जब लड़कों को ब्वॉयज स्कूल और लड़कियों को ऑल गर्ल्स स्कूल पढ़ने के लिए भेज दिया जाता है तो उनके दिल पर तो जैसे छुरियां चल जाती होंगी……लेकिन…. लेकिन अफसोस आपकी यह धारणा पूरी तरह गलत है क्योंकि ब्वॉयज स्कूल में रहकर लड़के कितना फन करते हैं यह तो पता नहीं लेकिन लड़कियों के लिए उनका स्कूल किसी फन प्लेस से कम नहीं रह जाता.
अगर आप सोच रहे हैं ऐसा कैसे तो हम आपको बताए देते हैं कि गर्ल्स स्कूल के अपने अलग मजे होते हैं और वो मजे सिर्फ वही लड़की समझ सकती है जिसने अपनी स्कूलिंग गर्ल्स स्कूल से की हो. वैसे ये सीक्रेट भी उन्हीं लड़कियों का है लेकिन अगर आप भी इस ‘फन’ का हिस्सा बनना चाहते हैं तो हम आपके सामने भी गर्ल्स सीक्रेट का कुछ भाग खोल देते हैं, फिर आप ही तय कीजिए कौन ज्यादा मजे करता है को-एड स्कूल की लड़कियां या गर्ल्स स्कूल की…
1. स्कूल पहुंचते ही स्कर्ट ऊपर कर लेना और शर्ट की बाजू को मोड़ना…..हॉट का मतलब तो शायद इस एज में पता नहीं होता इसलिए कूल दिखने के लिए गर्ल्स ये हथकंडा जरूर अपनाती हैं. ये सब करने में क्या और कितना मजा आता है यह तो गर्ल्स स्कूल की लड़कियां ही समझ सकती हैं.
2. टेक्स्ट बुक में क्या रखा है. पढ़नी है तो रोमांटिक नॉवल पढ़ो और क्लास में रोमांटिक नॉवल पढ़ने का क्या मजा है यह तो बस गर्ल्स स्कूल की लड़कियां ही समझ सकती हैं.
3. जब पूरे स्कूल में ब्वॉयज के नाम पर दो मेल टीचर हों तो जाहिर है स्कूल की लड़कियों का उन पर क्रश होना लाजिमी ही है. यह क्रश कितना पॉवरफुल होता है इस बात का अंदाजा लड़कियों के उस फेस एक्सप्रेशन और बातों से ही लगाया जा सकता है जब उनके वो ‘मेल टीचर’ सामने प्रकट होते हैं.
4. गलती से अगर कोई लड़का या लड़कों के स्कूल की ट्रिप गर्ल्स स्कूल में कदम रख दे तो पूछिए मत चंचल मत कितना रैंडम बिहैव करता है. लड़कों को देखते ही लड़कियां यह डिसाइड कर लेती हैं कि कौन किसका ‘जीजू’ है.
5. अगर क्लास में किसी लड़की ब्वॉयफ्रेंड हो और ये बात बाकी की लड़कियों को पता चल जाए तो ऐसा हल्ला मचता है, ऐसी गॉसिप शुरू होती है कि जब तक ये बात टीचर के कानों तक ना पहुंचे उन्हें (लड़कियों) होश नहीं आता.
6. लड़कियों को चीखने-चिल्लाने और बातें करने की आदत होती है और इस बात से लड़कियां तो बिल्कुल इंकार नहीं कर सकती. इसमें बुरी बात क्या है क्योंकि इससे उनके कान के पर्दे काफी स्ट्रॉंग हो जाते हैं. भविष्य में कितना ही तेज आवाज में क्यों ना सुनना पड़े वे कम्फर्टेबल रहती हैं.
7. छुट्टियों के दिनों में आप अपनी बेस्ट फ्रेंड के घर जाती हैं और वहां बिताए चंद घंटों या मिनटों में आपको अपनी फ्रेंड के भाई से प्यार हो जाता है, प्यार नहीं तो क्रश तो हो ही जाता है. इस प्यार की उम्र सिर्फ तब तक होती है जब तक कि कोई और हैंडसम या नॉन हैंडसम डूड नहीं मिल जाता. (नॉन हैंडसम इसलिए क्योंकि जब आसपास कोई लड़का ना हो तो हर टाइप का लड़का हैंडसम ही लगता है.)
8. ओके, आपके पास कोई सीक्रेट है और आपने उसे अपनी क्लास में पढ़ने वाली बेस्ट फ्रेंड को बता दिया. बस कुछ दिन रुकिए पूरा स्कूल आपके उस सीक्रेट को अपने पेट में पचाकर बैठा होगा.
9. स्कूल फंक्शन हो या फिजिकल ट्रेनिंग की क्लासेस, गर्ल्स स्कूल में पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा है कि आप कहीं भी किसी भी रूम में कपड़े बदल सकते हो, इसके लिए किसी स्पेशल अरेंजमेंट की जरूरत नहीं होती.
10. लास्ट पर सबसे जरूरी, गर्ल्स स्कूल से निकलने के बाद सभी लड़कियां ये बात जरूर बोलती हैं कि अब बस, अब मैं गर्ल्स कॉलेज में बिल्कुल नहीं जाऊंगी.
अगर आपने भी अपनी स्कूलिंग गर्ल्स स्कूल या कॉलेज से की है तो आप खुद को उपरोक्त बिंदुओं के साथ अच्छी तरह रिलेट कर सकती हैं और अपनी सहेलियों के साथ बिताए उन पलों को फिर से महसूस कर सकती हैं.
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