बॉलिवुड का एक पुराना प्रसिद्ध गीत है… “लाख छुपाओं छुप ना सकेगा असली-नकली चेहरा, दिल की बात जुबां पर ला देता है आपका असली चेहरा”. इस गीत के बोल एकदम सच्चे हैं. कहते हैं कि आपका चेहरा आपके दिल का आईना होता है, लेकिन कुछ लोग इतनी सफाई से झूठ बोलते हैं कि आप उनके चेहरे से भी झूठ का नाकाब नहीं उठा पातें. मगर ईश्वर ने हम इंसानों को बहुत सी इंद्रियां दी है जिनमें एक इंद्री है पूर्वाभास. इस इंद्री के चलते बहुत बार हम जान जाते हैं कि सामने वाला सच बोल रहा है या झूठ. यूं तो यह प्रत्येक मनुष्य में होती है लेकिन हममें से कुछ ही लोग हैं जो इसका सही मायने में प्रयोग कर पाते हैं.
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अक्सर लोग आपके सामने बैठकर कब झूठ बोल रहे हैं आपको पता भी नहीं चलता और वक्त ही उनकी असलियत दिखाता है, लेकिन ऐसे लोगों के लिए वक्त की नहीं आपको खुद को सचेत रखने की जरूरत है. आपका दिल और दिमाग खुद में एक ऐसी मशीन है जो सामने वाले का झूठ आसानी से पकड़ सकती है. बस जरूरत है पूरी एकाग्रता के साथ इसका इस्तेमाल करने की. उदाहरण के लिए-
जब भी कोई व्यक्ति आपसे कोई झूठ बोले या बात करें, उसकी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें. अपने बारे में कोई खुलासा करते समय वह शांति से बात कर रहा है या हिल-डुल कर, हाथ मसलकर या फिर थोड़ा अपनी पोजिशन चेंज करते हुए बात कर रहा है. शांत है तो मामला ठीक है पर अगर बातों-बातों में वह हिलडुल रहा है या फिर जेब में हाथ डाल-निकाल रहा है तो समझ लीजिए सामने वाला झूठ बोल रहा है. ऐसे ही अगर व्यक्ति बात करते हुए सिर खुजा रहा है या फिर नाक को छू रहा है तो भी वह झूठ बोल रहा है. कहते हैं आंखे दिल का आइना होती है इसलिए जो लोग आपसे आंखें मिलाकर बात न करें उनके मन में चोर होता है वह झूठे होते है या फिर बात करते समय आपकी तरफ न देखकर इधर-उधर देखें या नीचे देखें तो समझ लें कि झूठ बोला जा रहा है.
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झूठे व्यक्ति को पकड़ने का एक और तरीका है. तपाक से उससे कुछ बात पूछे वह थोड़ा रूककर फिर जल्दी-जल्दी बोलने लगे तो समझ लें कि झूठ बोल रहा है. इतना ही नहीं आवाज की गति से भी आप झूठ को पकड़ सकते हैं. बात करते समय अगर व्यक्ति की आवाज आपके प्रश्न पूछने से पहले की तरह मध्यम या तीव्र न हो मतलब की आवाज में बदलाव आए तो समझ लें कि सामने वाला झूठ बोल रहा है.
यह जरूरी नहीं कि ऊंची आवाज में बोलने वाला ही झूठा हो सकता है बल्कि बात करते समय किसी खास पॉइंट पर अगर व्यक्ति की आवाज में बदलाव महसूस करें तो समझ लें कि वह व्यक्ति झूठ बोल रहा है. इन बातों का ध्यान रखकर आप पता लगा सकते हैं कि कौन, कब और कितना आपसे झूठ बोल रहा है. बस जरूरत है अपने मन-मस्तिष्क को सचेत रखकर सामने वाले पर ध्यान देने की...Next
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