‘जरा घर के बाहर नींबू मिर्च लटका दो’ बुरी नजर नहीं लगेगी, घर के बाहर नीम के पत्तों की टहनी लटका दो बुरी शक्तियां घर से दूर रहेगी, घर में सुख और शांति के लिए लिए गुलाब की पंखुड़ी लगाने से बहुत लाभ होता है. आपने भी कभी न कभी ऐसे घरेलू नुस्खे या टोटके जरूर किए होंगे या इनके बारे में सुना तो जरूर होगा. सदियों से घर में ऐसे टोटके अपनाने का अपना ही इतिहास रहा है लेकिन इससे अलग ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो इन घरेलू नुस्खों को अंधविश्वास या दकियानूसी सोच कहकर सिरे से नकार देते हैं.
लेकिन आधुनिक युग में बीमारियों के बढ़ते प्रकोप ने आयुर्वेद और इन घरेलू नुस्खों को लेकर लोगों का विश्वास बढ़ गया है. इन दिनों डेंगू के बढ़ते प्रकोप से तो हम सभी वाकिफ है.ऐसे में डेंगू जैसी खतरनाक बीमारी के इलाज करने में जहां एक ओर डॉक्टरों और बड़े-बड़े अस्पतालों के भी पसीने छूट रहे हैं वहीं आयुर्वेदिक उपाय घरेलू टोटकों की जगह नहीं बल्कि डेंगू और दूसरी कई बीमारियों की असरदार दवा के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. आइए बताते हैं आपको कुछ ऐसे ही आयुर्वेदिक उपाय जो इन दिनों लोगों में ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं.
पपीते के पत्ते: आपने पपीते के गुणों के बारे में तो जरूर सुना होगा लेकिन क्या आप जानते है कि पपीते के पत्तों का इस्तेमाल भी इन दिनों डेंगू के इलाज और रोकथाम के लिए किया जा रहा है. बाजार में अचानक ही पपीते के पत्तो की मांग बढ़ गई है साथ ही लोग पपीतों के पेड़ को फल के लिए नहीं बल्कि पत्तों के लिए लगा रहे हैं. आजकल पपीतों के दाम के साथ फल विक्रेता पत्तों के दाम भी वसूल रहे हैं.
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नारियलपानी: अगर अब तक आप तक केवल नारियल पानी का इस्तेमाल स्लिम-ट्रिम रहने के लिए करते आए हैं तो नारियल पानी की एक और खूबी के बारे में जान लीजिए. इन दिनों नारियल पानी को डेंगू मरीजों के लिए काफी कारगर माना जा रहा है. इसके अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी नारियल पानी का इस्तेमाल स्वस्थ लोग भी कर रहे हैं.
गिलोय: जिन लोगों को देश में डेंगू के आतंक फैलने से पहले गिलोय का नाम तक नहीं पता था वो लोग अब गिलोय के फायदे बताते हुए नहीं थक रहे हैं. ऐसा हो भी क्यों न आखिर गिलोय है ही फायदों का खजाना गिलोय आम लोगों को बेशक से एक नया नाम लगे लेकिन सदियों से आयुर्वेद में गिलोय का अहम स्थान रहा है. गिलोय का इस्तेमाल कई दवाइयों को बनाने में किया जाता है.
नीम : नीम को आप सुंदरता और सेहत के अनोखे मेल के रूप में देख सकते हैं. साथ ही पीलिया, मधुमेह, त्वचा कैंसर और डेंगू के संक्रमण को रोकने के लिए भी नीम का कई रूपों में प्रयोग किया जाता है.
बकरी का दूध : गए वो दिन जब बकरी के दूध का नाम सुनते ही लोग नाक-मुँह सिकोड़ लिया करते थे लेकिन आज डेंगू ने बकरी के दूध के भाव इस कदर बड़ा दिए है कि बाजार में बकरी के दूध की कीमत 2000 रू. से ऊपर तक पहुंच गई है. बकरी का दूध हमेशा से पौष्टिक माना जाता है लेकिन इन दिनों पौष्टिकता के साथ बकरी के दूध का इस्तेमाल डेंगू की सबसे कारगर दवा के रूप में किया जा रहा है…next
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