ठहरिए जनाब! तस्वीरों को देखकर यह न समझ बैठिए कि यह अमरीका, चीन, जापान या युरोप में चलने वाले ट्रेनों के कोच हैं. यह तो भारतीय रेल के डिब्बे हैं. जी हां, पायलेट प्रोजेक्ट के तहत बन रही नई रेलवे मंत्रालय की ओर से भारतीय रेल के डिब्बों में तमाम तरह की सुविधाओं के अलावा कई नए बदलाव किए हैं. पायलट प्रोजेक्ट 32 करोड़ रुपए का है. इसमें 111 नए कोच बनाए जा रहे हैं. इसमें ट्रेन के एसी से लेकर स्लीपर और जनरल कोच का अंदरूनी हिस्सा बेहतर बनाया गया है. इसके अंदरूनी डिजाइन के अलावा ट्रेन की सुरक्षा और गति में भी सुधार किया गया है.
ट्रेन की इन तस्वीरों को देखकर आपको लगेगा भारत ‘मेक इन इंडिया’ की ओर बढ़ रहा है. तस्वीरों के माध्याम से आइए जानते हैं कैसे बदल रही है भारतीय रेल?
24 डिब्बों की यह ट्रेन यात्रियों की सेवा के लिए तैयार है. हाल ही में इसे रेल मंत्री को दिखाया गया था. हर श्रेणी के यात्रियों को आकर्षित करने के लिए इसके अंदरूनी डिजाइन को पूरी तरह से बदल दिया गया है. स्लीपर डिब्बों के लिए तैयार किए गए नए कोच में श्रेणियों के हिसाब से सीटों का रंग भी अलग-अलग किया गया है.
पहले की अपेक्षा इस ट्रेन की नई सीटें ज्यादा चौड़ी और आरामदेह हैं. आग से बचने के लिए सभी कोच की सीटें फायरप्रूफ मटेरियल से बनाई गई हैं.
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नए कोच में टॉयलेट को भी बदला गया है. नए तरह के टॉयलेट, जिनमें शॉवर भी लगाए गए हैं और इनका इंटीरियर भी बदला गया है. साबुन-डस्टबिन के साथ नया ग्रीन टॉयलेट सिस्टम भी तैयार किया गया है.
बोगियों में सीटें जर्क प्रूफ हैं तथा इनमें एलईडी लाइट्स भी लगाई गई हैं. हर एक यात्री के लिए लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पॉइंट भी लगाया गया है. इसके साथ-साथ कोचों में पेंटिंग्स और गुलदस्ते भी लगाए गए हैं.
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