चाहे बच्चे हो या व्यस्क सीधे दिए गए आदेश को मानने में हर कोई आनाकानी करता है, खासकर तब जब आदेश देने वाले व्यक्ति के पास कोई वास्तविक या कथित अधिकार नहीं होता. अगर लोग अनिच्छा से किसी का आदेश मान भी लेते हैं तो वे उस काम को उतने बेहतर ढंग से नहीं करते जितना वे कर सकते थे और आदेश देने वाले के खिलाफ उनके मन में जो नफरत पनपती है वह अलग. हालांकि ऐसे कई सरल उपाय हैं जिनकी मदद से आप किसी से भी अपने मनचाहा काम करवा सकते हैं, साथ ही उनसे अपने बेहतर रिश्ते भी बरकरार रख सकते हैं.
1) आश्चर्य की भावना जोड़े
आम तौर पर लोग दूसरों को अपनी विशेषज्ञता बताने में रूचि रखतें हैं. अपनी बातों में आश्चर्य की भावना को जोड़कर लोगों की इस प्रवृत्ति का आप लाभ उठा सकते हैं. अगर आपको अपने किसी काम में किसी की मदद चाहिए तो बातों बातों में उस व्यक्ति से अपनी समस्या साझा करे. इस बात की बेहद कम संभावना है कि उस क्षेत्र का विशेषज्ञ आपकी मदद के लिए आगे नहीं आएगा.
2) अपनी बातों में अनुमान जताएं
मनचाहा काम कराने के लिए अपने अनुरोध को इस तरह व्यक्त करो जैसे जिससे अनुरोध किया जा रहा है वह पहले ही उस काम को पूरा कर चुका है. इस तरीके से अनुरोध करने से सामने वाले व्यक्ति को ऐसा भ्रम होता है कि वह उस काम के लिए प्रतिबद्धता जाहिर कर चुका है जबकि उसकी तरफ से वास्तव में ऐसी कोई प्रतिबद्धता जाहिर नहीं की गई होती है. ज्यादतर लोग इस प्रतिबद्धता के भ्रम को अपने दायित्व के रूप में स्वीकार करते हैं और उनके द्वारा उस काम को पूरा करने की संभावना बढ़ जाती है.
2) “यू आर वेलकम” से अधिक कहें
धन्यवाद के उत्तर में अधिकांश लोग “आपका स्वागत है” या “यू आर वेलकम” जैसे शब्द का प्रयोग करते हैं, पर यदि आपको अपना उत्तर अधिक प्रभावशाली बनाना है तो आप यह जोड़ सकते हैं कि “मुझे विश्वास है तुम भी मेरे लिए यह कर सकते हो.” यह कुछ अतरिक्त शब्द मनोविज्ञान के पारस्परिकता के सिद्धांत को जन्म देते हैं. जब किसी व्यक्ति को कुछ दिया जाता है तो वह मनोवैज्ञानिक रूप से बदले में कुछ वापस करने के प्रति संवेदनशील हो जाता है. ऐसे में उनके द्वारा भविष्य के किसी अनुरोध को मानने की संभावना अधिक बढ़ जाती है.
4) प्रतिबद्धता का वादा लें
किसी कार्य के लिए मौखिक प्रतिबद्धता जाहिर करने के बाद लोगों द्वारा उस काम को पूरा करने की ज्यादा संभावना रहती है. यह तकनीक ‘कंसीसटेंसी’ या ‘संगति’ के मनोवैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित है. किसी काम के लिए वादा करके न निभाने पर आपमें अपराधबोध की भावना जन्म लेती है.
प्रतिबद्धता का वादा तब ज्यादा कारगर सिद्ध होता है जब वह सार्वजनिक रूप से लिया गया हो. मौखिक वादे से व्यक्ति में उस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न होता है. इस तरह किसी से वादा लेकर आप उससे अपना मनचाहा काम करवा सकते हैं.
5) जादुई शब्द का इस्तेमाल करें
बचपन में हम सब के मां-बाप यह बताते हैं कि हम “प्लीज” या “कृपया” शब्द का इस्तेमाल करें. आप विश्वास मानिए सचमुच यह शब्द जादुई है. लोगों द्वारा उस आदेश को मानने की अधिक प्रवृत्ति होती है जिसमें यह शब्द जुड़ा होता है. यह शब्द किसी भी आदेश को अधिक विनम्र बना देता है. इससे सामने वाले व्यक्ति पर यह प्रभाव जाता है कि उसे जिस कार्य के लिए आदेश दिया जा रहा है उसपर उसका नियंत्रण है. ऐसे काम को लोग ज्यादा मन लगाकर करते हैं…Next
read more:
फैमिली कोर्ट में पति ने दी मुआवजे की इतनी रकम कि पत्नी को गिनना पड़ गया भारी
पति-पत्नी के वियोग का कारण बनता है इस मंदिर में माता का दर्शन
Read Comments