‘मोबाइल में इंटरनेट और रिश्तों में विश्वास ना हो, तो लोग गेम खेलने लगते हैं.’
सोशल मीडिया पर किसी तस्वीर के नीचे इस लाइन को पढ़कर, बिना इंटरनेट वाले स्मार्टफोन की हालत पर ध्यान चला गया. जरा, सोचिए जब आपके फोन में इंटरनेट नहीं होता तो आप क्या करते हैं? पिक्चर गैलरी देखते हैं, गेम खेलते हैं, गाने-वीडियो, फिल्म वगैरह देखते हैं लेकिन थोड़ी ही देर में आप बोर होने लगते हैं. आज की डिजीटल दुनिया में बिना इंटरनेट के बिना जिंदगी थोड़ी मुश्किल है. जैसे, नोटबंदी के दौर में ज्यादातर कामों को ऑनलाइन किया गया.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस इंटरनेट ने पूरी दुनिया को जोड़ दिया है. वो इंटरनेट शब्द कहां से आया था.
1960 में एक ट्रांजिस्टर का नाम था ‘इंटरनेट’
आपको जानकर हैरानी होगी कि 1960 में इंटरनेट ट्रांजिस्टर का ब्रांड नाम हुआ करता था. एम्सटर्डम (नीदरलैंड) में 1954 में इस ट्रांजिस्टर का निर्माण शुरू किया गया था. जिसे 60 के दशक में नई पहचान मिली. माना जाता है कि 60 के दशक में सबसे पहले इंटरनेट शब्द का इस्तेमाल किया गया था. आगे चलकर जैसे-जैसे तकनीक का विकास होता गया ये इंटरनेट ट्रांजिस्टर गायब हो गया.
1960 में शुरू हुआ ‘इंटरनेट’
शुरूआत में आज के मौजूदा इंटरनेट को अरपानेट कहा जाता था. 29 अक्टूबर 1969 यह दिन जिस दिन दुनिया बदल गई. रात के करीब 10.30 बजे ULCA के प्रोग्रामर चार्ली क्लीन ने 350 किलोमीटर दूर मेंलो पार्क, कैलिफोर्निया में दो शब्द ‘I’ और ‘O’ इलेक्ट्रॉनिकली भेजे जिसके बाद सारा सिस्टम बंद हो गया और अरपानेट ईजाद हो गया.
अरपानेट में जोड़ा गया ईमेल
अरपानेट से दुनिया को जोड़ने का प्रोजेक्ट अमेरिकी टीम संचालित कर रही थी. अरपानेट का मतलब था ‘एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी नेटवर्क’ (Advanced Research Projects Agency Network). 1972 में रे टॉमलिंसन ने पहला ईमेल बनाया. वो उस समय बोल्ट नमक में काम करते थे. उनका कहना है कि वो उस संस्थान से प्रेरित थे, जो उनके फोन का जवाब नहीं देते थे. टॉमलिंसन ने @ का इस्तेमाल अपने नाम के बाद किया जो सन्देश भेजने वाला इस्तेमाल करता था. इसके बाद इंटरनेट में वक्त-वक्त पर कई चीजें जोड़ी जाने लगी.
अरपानेट बन गया इंटरनेट
1974 में ‘अरपानेट’ को बिजनेस के उद्देश्य से इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई गई. टेलनेट पहली ऐसी कंपनी बनी जिसने ‘अरपानेट’ का व्यवसायिक इस्तेमाल शुरू किया. अब अरपानेट पर काम कर रही टीम ने इसका नाम बदलने का फैसला किया. टीम ने दुनियाभर से शब्दों को सूची में शामिल करके उस पर चर्चा शुरू की. दिलचस्प बात ये थी कि इनमें से एक भी ऐसा शब्द नहीं था, जिससे टीम के सारे लोग सहमत हो, ऐसे में वहां एक पुराना ट्रांजिस्टर पड़ा था. जिसका नाम इंटरनेट था. ये ट्रांजिस्टर बहुत मशहूर था. सभी लोग इंटरनेट नाम से सहमत दिखे. इंटरनेट शब्द अरपानेट से मिलता-जुलता भी था. साथ ही दोनों में एक समानता ये भी थी कि अरपानेट और इंटरनेट ट्रांजिस्टर 1969 में अस्तित्व में आए थे.
तो देखा आपने, जिस इंटरनेट को आप इस्तेमाल करते हैं, उसकी जड़ें रेडियो से निकली हैं…Next
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